विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को समन जारी किया था। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए 28 मार्च (गुरुवार) को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन टीएमसी नेता ने कहा कि वह गुरुवार को कृष्णनगर निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करेंगी।
मीडिया से बात करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, “मैं दोपहर में कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के लिए जाऊंगी।” बता दें कि इससे पहले भी केंद्रीय एजेंसी ने 49 वर्षीय टीएमसी नेता को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह अपने काम का हवाला देकर जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुई। उन्होंने इस दौरान नोटिस को स्थगित करने की भी मांग की थी।
ईडी ने बुधवार को महुआ मोइत्रा और दुबई के कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को फेमा मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया था। दोनों को 28 मार्च यानी की आज दिल्ली में बुलाया गया था। पिछले साल दिसंबर में महुआ को उनके अनैतिक आचरण के कारण लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन टीएमसी ने उन्हें कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार के तौर पर उतारा है।
भाजपा सांसद ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ की थी शिकायत
गौरतलब है कि भाजपा के नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल में भी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने टीएमसी सांसद पर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने मोइत्रा पर आर्थिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया था। टीएमसी नेता के खिलाफ लोकपाल की तरफ से शिकायत करने के बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच शुरू की थी।
क्या है मामला
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहादराई द्वारा प्रदान किए गए थे।
लोकसभा स्पीकर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने कहा था कि उन्हें वकील और महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत का एक पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने मोइत्रा और जाने-माने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए हैं। इसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि मोइत्रा ने संसद में उनके द्वारा पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे।