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Sunday, June 29, 2025

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस, बैंक खातों को फ्रीज किए जाने पर केंद्र सरकार को घेरा

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया और राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इस दौरान पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के मुद्दे पर जमकर हमले बोले गए। केंद्र सरकार को केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और चुनावी चंदों के मुद्दों पर घेरा गया। खरगे, सोनिया, अजय माकन से लेकर राहुल तक, सभी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। आइए जानते हैं किसने और क्या-क्या कहा…  

राहुल ने कार्रवाई के समय पर सवाल उठाए
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। हम कोई प्रचार नहीं कर सकते, हम अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं कर सकते, हम अपने उम्मीदवारों का समर्थन नहीं कर सकते। हमारे लोग हवाई जहाज तो छोड़िए, रेलवे की यात्रा के लिए भी टिकट नहीं खरीद सकते। यह चुनाव से दो महीने पहले किया गया। एक नोटिस 90 के दशक से आया, दूसरा 6-7 साल पहले; कुल राशि 14 लाख रुपये और सजा हमारी पूरी वित्तीय पहचान। चुनाव आयोग ने भी कुछ नहीं कहा। यहां कोई लोकतंत्र नहीं है। पहले से ही चुनाव लड़ने की हमारी क्षमता को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हम पहले ही एक महीना खो चुके हैं।

राहुल ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाए जाने की कार्रवाई है। ऐसा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कर रहे हैं। यह विचार कि भारत लोकतंत्र है, एक झूठ है। आज भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है। यह विचार कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक झूठ है। भारत के 20% लोग हमारे लिए वोट करते हैं और फिलहाल हम किसी भी चीज के लिए 2 रुपये का भुगतान नहीं कर सकते। यह चुनाव में हमें पंगु बनाने के लिए रचा गया है। भले ही आज हमारे बैंक खाते खोल दिए जाए तो भी भारतीय लोकतंत्र को काफी चोट पहुंचाई जा चुकी है।

राजनीतिक दलों को समान अवसर मुहैया हो: खरगे
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। खरगे ने कहा, भाजपा ने कांग्रेस को चुनाव मैदान से हटाने का खतरनाक खेल शुरू किया है। लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है, जब सभी दलों के पास समान संसाधन हों। उन पर किसी एक दल का एकाधिकार न हो। सत्ताधारी पार्टी द्वारा संवैधानिक और न्यायिक संस्थाओं पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है। चुनावी चंदा यानी बॉन्ड मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

खरगे ने कहा कि भाजपा के चंदे के खेल ने देश की छवि को ठेस पहुंचाई है। स्वस्थ लोकतंत्र पर प्रश्न उठा है। सर्वोच्च अदालत ने जिस चंदा बॉन्ड को गैर कानूनी कहा, भाजपा सरकार ने उसी के जरिए अपना खजाना भर लिया। देश में विपक्ष को नीचे गिराने का प्रयास हो रहा है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव लड़ने में जानबूझकर बाधा खड़ी करने का प्रयास हो रहा है।  

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने चुनावी चंदा बॉन्ड से 56 प्रतिशत पैसे हासिल किए हैं। कांग्रेस को 11 प्रतिशत मिले हैं। चंदे के अलावा उनके पास नकदी भी आती होगी, जिसका कोई खाता ही नहीं है। हिंदुस्तान की 70 वर्ष की लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा कभी नहीं हुआ। आज अधिकांश राज्यों में भाजपा के फाइव स्टार दफ्तर हैं। बतौर खरगे, मैं कहना नहीं चाहता कि भाजपा ने कंपनियों से किस तरह पैसा लिया है। खैर जो भी हो, बहुत जल्द अहम तथ्य देश के सामने आएंगे। 

उन्होंने कहा कि अगर देश में निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं तो उन्हें यानी कांग्रेस को बिना किसी रोकटोक के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने दें। कोई राजनीतिक दल, आयकर के दायरे में नहीं आता। इसके बावजूद कांग्रेस से ब्यौरा मांगा जा रहा है। इस मामले में हम न्यायपालिका के फैसले का इंतजार करेंगे।  नेहरू से लेकर अब तक जो कुछ हुआ, वह अप्रत्याशित है। लोकतंत्र को कुचला जा रहा है, दबाया जा रहा है। भाजपा, पैसे के बलबूते पर एक तरफा चुनाव चाहती है। कांग्रेस पार्टी के खाते फ्रीज किए जा रहे हैं। उन्हें  तत्काल रिलीज किया जाए। 

कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश: सोनिया गांधी
इसके बाद कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का असर सिर्फ कांग्रेस पर ही नहीं पड़ रहा है, बल्कि इसका असर हमारे लोकतंत्र को भी मौलिक रूप से पड़ता है। प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के खाते में जनता से इकट्ठा किया गया पैसा है। हमारे खातों से पैसे जबरदस्ती छीने जा रहे हैं। हालांकि, इन सब चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हम अपने चुनाव अभियान को जोर-शोर से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ चुनावी बॉन्ड का मुद्दा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार दे चुका है। चुनावी बॉन्ड से भाजपा को भारी लाभ हुआ। दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की वित्तीय स्थिति को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। हम सभी का मानना है कि यह अलोकतांत्रिक है।

.07% अनियमितता के लिए कांग्रेस पर 106% जुर्माना लगाया गया: माकन
मामले में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह सिर्फ नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से कांग्रेस पार्टी के खातों पर हमला नहीं है, बल्कि भारत में लोकतंत्र पर भी हमला है। हर राजनीतिक दल को आयकर से छूट दी गई है तो फिर कांग्रेस पर जुर्माना क्यों लगाया जा रहा है और वह भी चुनाव से ठीक पहले? सजा की इतनी है कि .07% अनियमितता के लिए कांग्रेस पर 106% जुर्माना लगाया गया। हमारे बैंक खातों से 115 करोड़ रुपये आई-टी और सरकार को ट्रांसफर कर दिए गए।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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