प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।
उन्होंने कहा कि आज जब भारत आजादी के अमृतकाल में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है, आज जब भारत जमीन से अंतरिक्ष भटक नई ऊंचाइयां छू रहा है। आज जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो महात्मा गांधी की ये तपोस्थली हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि सदियों की गुलामी के कारण जो देश हताशा का शिकार हो रहा था, उसमें बापू ने आशा भरी थी, विश्वास भरा था। आज भी उनका विजन हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा दिखाता है। बापू ने ग्राम स्वराज और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा था। हमारी सरकार, गांधी जी के इन्हीं आदर्शों पर चलते हुए गांव-गरीब के कल्याण को प्राथमिकता दे रही है, आत्मनिर्भर भारत अभियान चला रही है। आज गांव मजबूत हो रहे हैं, ग्राम स्वराज का विजन साकार हो रहा है। हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक बार फिर से महिलाएं अहम भूमिका निभा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि जो देश अपनी विरासत नहीं संजो पाता, वो देश अपना भविष्य भी खो देता है। बापू का ये साबरमती आश्रम, देश की ही नहीं, बल्कि मानवजाति की ऐतिहासिक धरोहर है। आजादी के बाद जो सरकारें रहीं, उनमें देश की ऐसी विरासत को बचाने की न सोच थी और न ही राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। एक तो विदेशी दृष्टि से भारत को देखने की आदत थी और दूसरी तुष्टिकरण की मजबूरी थी। जिसकी वजह से भारत की विरासत, हमारी महान धरोहर ऐसे ही तबाह होती रही। अतिक्रमण, अस्वच्छता, अव्यवस्था आदि ने हमारी विरासतों को घेर लिया था।