27 फरवरी से कांग्रेस ने की गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र की घोषणा ।
देहरादून: बजट सत्र देहरादून में करने के खिलाफ कांग्रेस ने 27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक बयान जारी कर यह घोषणा की है। महारा ने कहा राज्य आंदोलन के समय से आंदोलनकारी गैरसैंण को अस्थाई राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण में विधानसभा भवन सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हुए वहां सत्र किया था लेकिन वर्तमान बीजेपी सरकार अब ठंड के नाम पर वहां सत्र से परहेज कर रही है। ऐसे में कांग्रेस गैरसैंण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र का आयोजन कर भू कानून, अंकित हत्याकांड, बेरोजगारी, महिला अपराध, पलायन, बिगड़ती कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाले, अग्नि वीर भर्ती समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा करेगी, माहरा ने इसमें आमजन से प्रतिभाग करने की अपील की है। उन्होंने कहा सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा आगामी सत्र की अवधि भी बहुत कम रखी गई है, इतने कम समय में सभी प्रश्नों का जवाब मिलना संभव नहीं है , इसलिए प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र में जनहित के सभी मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे।
कांग्रेस की छद्म सत्र की घोषणा लोकतंत्र का अपमान: बीजेपी
इधर कांग्रेस की अलग से विधानसभा का बजट सत्र चलाने के निर्णय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि गैरसैंण में छद्म विधानसभा सत्र आयोजित करने की कांग्रेस की घोषणा लोकतंत्र तथा संवैधानिक प्रक्रियाओं का अपमान है। भट्ट ने कहा कि जनता द्वारा लगातार नकारे जाने के बाद कांग्रेस नकली सरकार के संचालन से अपने अहम की पुष्टि करना चाहती है। कांग्रेस का निर्णय उनका सियासी कस दोहरापन उजागर करता है। एक ओर कांग्रेस के विधायक सत्र दून में करने का आग्रह करते हैं। दूसरी ओर गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र करने की नौटंकी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने तक का काम भाजपा सरकारों ने ही किया था ,कांग्रेस सिर्फ़ विकास के विरोध में नकारात्मक राजनीति करना जानती है ।