N/A
Total Visitor
30.1 C
Delhi
Monday, June 30, 2025

रिपब्लिक बांग्ला टीवी के पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ एनयूजेआई ने किया संघर्ष का ऐलान ।

बुधवार 21 फ़रवरी को पत्रकार संगठनों का जंतर मंतर से बंग भवन तक होगा मार्च ।

नई दिल्ली, 20 फरवरी। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन सहित सभी पत्रकार संगठनों ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में रिपब्लिक बांग्ला के रिपोर्टर संतु पान की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए संघर्ष करने का ऐलान किया है। पत्रकार संगठनों की तरफ से बुधवार, 21 फरवरी 2024 को दिल्ली स्थित बंग भवन पर प्रदर्शन करने की घोषणा भी की गई है। पश्चिम बंगाल में एक मुखर पत्रकार की गिरफ्तारी के विरोध में जंतर मंतर से हैली रोड स्थित बंग भवन तक दोपहर 3 बजे सभी पत्रकार संघ मार्च करेंगे ।

बंगाल अघोषित आपातकाल के इस भयावह स्थिति को लेकर एनयूजेआई और डीजेए की मंगलवार 20 फ़रवरी को 7 जंतर-मंतर स्थित उनके कार्यालय पर एक बैठक भी हुई जिसमें पश्चिम बंगाल के इस भयावह स्थिति पर चर्चा भी की गई । इस बैठक में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में अघोषित आपातकाल लगाकर मीडिया का गला घोंटा जा रहा है। एनयूजेआई और डीजेए ने गिरफ्तार पत्रकार को तुरंत रिहा करने की मांग की है। पत्रकार संगठनों ने मांग की है कि पत्रकारों को राज्य में स्वतंत्र तरीके से काम करने दिया जाए।

एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि एक तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपराधियों की खुली छूट दे रखी है और दूसरी तरफ गुंडाराज का खुलासा करने वाले पत्रकारों को जेल में बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों पर बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनयूजेआई का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल का दौरा कर पत्रकारों पर हो रहे हमले और उत्पीड़न की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगा।

एनयूजेआई के पूर्व अध्यक्ष और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रजानंद चौधरी ने कहा कि इस प्रकार की घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एनयूजेआई की पश्चिम बंगाल यूनिट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बाबत पत्र लिखकर दोषियों पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है। एन्यूजीआई ने पश्चिम बंगाल की इस घटना को प्रेस की स्वतंत्रता पर करारा हमला बताया है।
एनयूजेआई के महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के सामने स्वतंत्र रूप से कार्य करना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस बारे में संघर्ष की रूपरेखा बनाई जा रही है। इस मामले की प्रेस काउंसिल से भी शिकायत की जाएगी।

दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के संयोजक राकेश थपलियाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पत्रकारों को गिरफ्तार करने की पहले भी कई घटनाएं हुई है।जिसकी वजह से कई मीडिया संस्थान बंद हो चुके हैं ।

वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार महिलाओं के शारीरिक उत्पीड़न करने वाले और उनकी जमीनों को कब्जाने के खुलासे रोकने के लिए पत्रकारों की गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि विगत 7-8 वर्षों में इस प्रकार की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है। वैचारिक आधार पर किसी पत्रकार के साथ इस प्रकार की मानवीय घटना सचमुच चिंताजनक है। इसका सभी स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए।

बैठक में वरिष्ठ सदस्य अशोक किंकर, प्रेस काउंसिल के पूर्व सदस्य आनंद राणा, एनयूजे की पूर्व उपाध्यक्ष सीमा किरण, संसद टीवी के वरिष्ठ पत्रकार और डीजेए के पूर्व अध्यक्ष मनोज वर्मा, नरेश गुप्ता, अशोक बर्थवाल आदि पत्रकारों ने पश्चिम बंगाल सरकार की रवैये की निंदा की और गिरफ्तार पत्रकार की रिहाई की मांग।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »