लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को एक बार फिर शीर्ष अदालत से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ा दी है।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने शीर्ष अदालत रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह मामले की प्रगति के बारे में निचली अदालत से रिपोर्ट प्राप्त करे और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
पिछले साल मिली थी जमानत
गौरतलब है, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को पिछले साल 26 सितंबर को दिल्ली के अस्पताल में जाने की अनुमति दे दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन्हें किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग न लेने और मीडिया से बात नहीं करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने आशीष को अपनी बीमार मां की देखभाल करने और अपनी बेटी का इलाज कराने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को निचली अदालत द्वारा मिश्रा को दी गई अंतरिम जमानत की शर्तों में ढील दी थी। मिश्रा को इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहने के लिए कहा गया है।
क्या था मामला
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे के विरोध में तीन अक्तूबर 2021 में लखीमपुर खीरी के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान एक एसयूवी ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया था। जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए लोगों ने एसयूवी के ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी। घटना को लेकर विपक्ष और किसान संगठनों ने जमकर हंगामा किया था। मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने बीती 11 जुलाई को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में हुई इस हिंसा में कुल 13 आरोपी हैं। आशीष मिश्रा के अलावा अन्य आरोपियों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राना, शिशुपाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना और धर्मेंद्र बंजारा का नाम शामिल है।