किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जिला नेता सकत्तर सिंह कोटला के निर्देश पर जोन प्रधान कुलजीत सिंह घन्नुपुर की अध्यक्षता में ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर काफिला दिल्ली रवाना किया गया। इससे पहले बड़ी संख्या में किसानों ने श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक होकर अरदास की। किसानों का यह पहला जत्था पहले फतेहगढ़ साहिब पहुंचेगा और वहां एक मीटिंग में हिस्सा लेगा। इसके बाद दिल्ली रवाना होगा।
जोन प्रधान कुलजीत सिंह घन्नुपुर ने बताया कि उन्होंने तीन वर्ष पहले भी किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार खिलाफ मोर्चा खोला था। केंद्र सरकार ने आश्वासन के बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है। एमएसपी गारंटी, दिल्ली में किसानों पर दर्ज केस रद्द करने, किसान-मजदूरों की कर्जमाफी, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की मांग है।
केंद्र के रवैये से डरने वाले नहीं: किसान
किसान नेताओं ने बताया कि करीब छह महीने का राशन, डीजल व अन्य सामग्री रख ली है। किसानों को रोकने की खातिर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं लेकिन किसान केंद्र सरकार के इस रवैया से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनका पंजाब सरकार से कोई झगड़ा नहीं है, उनकी लड़ाई सिर्फ केंद्र सरकार से है। जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती, वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अगर इस बीच पंजाब सरकार ने किसानों को दिल्ली की तरफ कूच करने से रोकने की कोशिश की तो पंजाब सरकार को भी किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।
हम दिल्ली कूच ब्यास से शुरू करेंगे और फतेहगढ़ साहिब में रुकेंगे। हमारी मांगें वही हैं। एमएसपी गारंटी कानून, गन्ने को C 200 के साथ जोड़ा जाना चाहिए। 60 साल होने पर किसान को 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के किसान को राष्ट्रविरोधी कहा जाता है। हम राष्ट्रविरोधी नहीं हैं, हम इस देश के नागरिक हैं… 75 वर्षों से हमारी मांगों को नहीं सुना गया… हम शांति से आगे बढ़ेंगे और हमारा उद्देश्य है कि सरकार हमारी मांगों को सुने। सरवन सिंह पंधेर, महासचिव, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति।