कर्नाटक के मांड्या के एक गांव हनुमान ध्वज उतारने का मामला बढ़ता जा रहा है। भाजपा इस मुद्दे पर धरना प्रदर्शन कर रही है। वहीं सीएम ने भाजपा पर इस मुद्दे को राजनीतिक फायदे के लिए तूल देने का आरोप लगाया। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि ‘भाजपा बेवजह का मुद्दा बना रही है। उन्होंने सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ ध्वज फहराने की अनुमति ली थी। जिला प्रशासन ने इस पर कार्रवाई की। चुनाव आ रहे हैं, इसलिए भाजपा इसे राजनीतिक रंग दे रही है। मैं भी हिंदू हूं और सभी लोगों से प्यार करता हूं। मैं सह-अस्तित्व और सहनशीलता में विश्वास रखता हूं।’
मांड्या में बढ़ते तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में रखने के लिए मांड्या जिले के केरागोडु गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। रविवार को यहां भाजपा-जेडीएस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। आज भी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। केरागोडु गांव में भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता जुट गए हैं और लोगों ने नारेबाजी की। विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेर लिया है। सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु में मांड्या की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इस दौरान जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई।
मांड्या जिले के केरागोडु गांव में 108 फीट ऊंचे स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराया गया था, जिसे जिला प्रशासन ने पुलिस बल का इस्तेमाल कर उतार दिया। ध्वज उतारने का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया। इस दौरान हालात बिगड़ गए और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। जिला प्रशासन का कहना है कि स्तंभ पर राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ ध्वज फहराने की अनुमति दी गई थी, लेकिन ग्राम पंचायत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए लोगों ने हनुमान ध्वज फहराया। इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई। भाजपा ने इसे लेकर राज्य की सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधा। विवाद इतना बढ़ा कि सीएम सिद्धारमैया ने भी इस पर बयान दिया और कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना गलत है।