राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने वालों के खिलाफ केरल के नायर समुदाय द्वारा उठाए गए कदम की भाजपा ने सराहना की है। भाजपा ने गुरुवार को कहा कि यह कांग्रेस कम्यूनिस्ट गठबंधन के लिए एक सबक था। उनपर हिंदुओं के भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
राजनीतिक आधार पर बहिष्कार करना भगवान का अनादर
नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के महासचिव सुकुमार नायर ने कहा कि राजनीतिक आधार पर आयोध्या के कार्यक्रम का बहिष्कार करना भगवान का अनादर करने जैसा है। केरल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि संगठन द्वारा उठाया गया कदम हिंदू समुदाय में विश्वास बढ़ाता है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने भी नायर समुदाय के इस कदम की सराहना की है। फेसबुक के एक पोस्ट में मुरलीधरन ने कहा,’ आयोध्या का महान मंदिर सनातन भक्तों के 500 साल के इंतजार का प्रतीक है।’ कांग्रेस द्वारा राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर मुरलीधरन ने कहा कि भगवान के पवित्र भूमि का अपमान करना भगवान का अपमान करने जैसा है। इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इंडिया गठबंधन किससे प्रभावित होकर इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रही है। केरल की जनता इसका जवाब देगी।’
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने किया बहिष्कार
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने के बाद बुधवार को एनएसएस ने कहा,’ जो कोई भी इस भव्य कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहा है, वह केवल अपने स्वार्थ और राजनीतिक फायदे के कारण ऐसा कर रहा है।’
इस भव्य कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले कांग्रेस के शीर्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया कि भाजपा ने इसे एक राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है। बता दें कि राम मंदिर के निर्माण के लिए एनएसएस ने 2021 में सात लाख रुपये का योगदान दिया था।