लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख चिराग पासवान ने शनिवार को बिना भाजपा का नाम लिये कहा कि हाल ही में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी ने बिना किसी गठबंधन और स्टार प्रचारकों के एक सीट पर जीत हासिल की है। लोजपा को 24 लाख वोट और लगभगत 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए, जो पार्टी के विस्तार का प्रतीक है। लोजपा के स्थापना दिवस के मौके पर चिराग पासवान ने एक पत्र लिखकर ये बातें कही।
चिराग पासवान ने पत्र में लिखा है कि पापा (रामविलास पासवान) अब हमारे बीच नहीं हैं, जिससे हम सभी को अपूरणीय क्षति हुई है।बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को 24 लाख वोट और लगभग 6 प्रतिशत मत अकेले प्राप्त हुए है, जो लोजपा के विस्तार को साफ दिखाता है। बिहार में पार्टी ने बिहार 1st बिहारी 1st के साथ कोई समझौता नहीं किया।
पत्र में आगे लिखा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जाने से पूर्व पार्टी के पास दो विकल्प थे- पहला, बिहार से छह लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद होने के बावजूद गठबंधन द्वारा दी जा रही मात्र 15 सीटों पर चुनाव लड़े। दूसरा, अधिकांश सीटों पर फ्रेंडली फाइट करें। लोजपा संसदीय बोर्ड ने दूसरा रास्ता चुना व बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट संकल्प के साथ अकेले 135 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे।
चिराग ने आगे लिखा है कि 2015 का विधानसभा चुनाव लोजपा ने गठबंधन के साथ मिलकर लड़ा था, जिसमें पार्टी मात्र 2 सीट जीत पाई थी। मुझे गर्व है कि अकेले अपने झंडे के नीचे चुनाव लड़कर पार्टी ने एक मजबूत जनाधार बनाया है। हमारी लड़ाई बिहार पर राज करने की नहीं, बल्कि बिहार को बेहतर बनाकर उस पर नाच करने की मुहिम में पार्टी लगी है, जिसके लिए पार्टी ने खुद संघर्ष का रास्ता चुना।
पत्र में आगे लिखा गया है कि पार्टी ने बूथ स्तर तक एक करोड़ सदस्यता अभियान का लक्ष्य रखा था व अकेले 50 लाख सदस्य बिहार में बनाने थे, जिसे पूरा करने में सभी ने योगदान दिया और उसी का नतीजा सामने है कि पार्टी ने बिना गठबंधन स्टार प्रचारकों की फौज के अपने दम पर बिहार में 24 लाख वोट हासिल किया। इन चुनावों में अधिकांश कार्यकर्ताओं ने लोगों को लोजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने का उससे पार्टी और भी मजबूत हुई इसी कारण चुनावी जनसभाओं में कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था। आज मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि बिहार में 24 लाख लोग पापा की स्थापित पार्टी की मशाल मजबूती से थामे हुए हैं।
चिराग ने आगे लिखा है कि पार्टी के संस्थापक आदरणीय रामविलास पासवान जी ने पिछले साल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मुझे सौंपी थी। उन्हीं दिनों पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने एक सपना देखा था। पापा हमेशा चाहते थे कि बिना किसी गठबंधन के पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़े ताकि पार्टी की नींव को मजबूत किया जा सके। 2020 के चुनाव में यह साबित कर दिया कि लोजपा के पास एक मजबूत जनाधार है, जो आने वाले चुनाव में पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले कर जाएगा। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ताकत और मेहनत के साथ आज ही जुटना होगा। चुनाव में हार-जीत अपनी जगह है। बिहार में इस बार के चुनाव में पार्टी की पहुंच सभी जिलों तक पहुंच गई है और हर सीट पर वोटों का इजाफा हुआ है। जो यह दर्शाता है कि हमारी पार्टी का जनाधार पहले की अपेक्षा मजबूत हुआ है।
पार्टी के बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट को जमकर सराहा गया है। अत: कोई कारण नहीं है जो हमें भविष्य में अपने लक्ष्य पर पहुंचने से रोक दे। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए और अधिक मेहनत व लगन के साथ सभी को तैयारी करनी होगी। बिहार विधानसभा के अगले चुनाव 2025 से पहले भी हो सकते हैं। हम सभी को 243 विधानसभा क्षेत्र की तैयारियों में लग जाना चाहिए ताकि सभी 243 सीटों पार्टी बिहार के लिए अपना विजन रख पाए। हम सभी लोजपाई पार्टी के संस्थापक आदरणीय राम विलास पासवान जी के आशीर्वाद से बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के संकल्पित लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।