गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार के लिए किसान उद्यमियों को विशेष रूप से तैयार किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें फल, फूल, सब्जियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग पर आधारित गुणवत्तापरक उत्पादन किया जा सके। साथ ही युवा किसानों को स्वरोजगार के साथ सीधे तौर पर जोड़ने की बड़ी तैयारी की जा रही है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल (सोनीपत) को 50 लाख रुपये का अनुदान दिया है।
युवाओं को उत्पादन के साथ-साथ ग्रेडिंग, पैकिंग आदि के गुर भी सिखाए जाएंगे
महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुल सचिव एवं क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.अजय सिंह ने बताया कि फल, फूल और सब्जियों की संरक्षित खेती पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गन्नौर में जो अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार बन रहा है, उसके लिए गुणवत्तापरक फल, फूल सब्जियों की आवश्यकता होगी। इसके लिए किस विभिन्न देशों में किस फल, फूल, सब्जी की मांग हैं, उसकी गुणवत्ता क्या होनी चाहिए, इन सबकी उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
इसके लिए प्रशिक्षक किसान और प्रशिक्षक उद्यमियों की आवश्यकता होगी। खास ग्रेडिंग, पैकिंग आदि भी उसी मानक के अनुसार होना चाहिए। क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल में इसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। यहां पर औषधीय गुणवाली मशरूम पर अनुसंधान और उत्पादन चल रहा है। फल, फूल एवं सब्जियों की संरक्षित खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एमएचयू भी लगातार कई तरह की सब्जियों को उगा कर किसानों को प्रशिक्षित कर रहा है।
विदेशों में भी मुश्किल से मिलने वाली कई खास मशरूम पर अनुसंधान के साथ-साथ उनके उत्पादन का कार्य भी चल रहा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार को देखते हुए विशेष सब्जियों, फल व फूलों पर कार्य किया जा रहा है, किसान उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सरकार ने इन कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान दिया है।