अदालतों में समय पर जवाब नहीं देने वाले हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारी नपेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अदालती मामलों के जवाब दायर करने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कोर्ट में लंबित तमाम तरह के मामलों पर चर्चा करने और समय पर इनका जवाब देने की परिस्थितियों पर मंत्रणा के लिए 30 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू चाहते हैं कि कोर्ट में चल रहे सभी मामलों में सरकार का पक्ष ठीक से रखा जाए।
अदालतों में समय पर जवाब नहीं देने वाले हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारी नपेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अदालती मामलों के जवाब दायर करने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कोर्ट में लंबित तमाम तरह के मामलों पर चर्चा करने और समय पर इनका जवाब देने की परिस्थितियों पर मंत्रणा के लिए 30 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू चाहते हैं कि कोर्ट में चल रहे सभी मामलों में सरकार का पक्ष ठीक से रखा जाए।
सरकार के खिलाफ अदालतों में चल रहे कई मामले
अदालतों में राज्य सरकार के खिलाफ कई तरह के मामले चल रहे हैं। इनमें से कई सरकारी आदेशों के खिलाफ दायर याचिकाएं भी शामिल हैं। इनमें कई मामले कर्मचारियों से संबंधित भी हैं। एक मामला मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को चुनौती देने के संबंध में भी अदालत में चल रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में दायर किए गए विभिन्न मामलों के जवाब भी समयबद्ध तरीके से तैयार नहीं करने के कुछ उदाहरण सामने आए हैं। कई आपराधिक मामले जो पुलिस, विजिलेंस ब्यूराे और गुप्तचर विभाग की ओर से चलाए गए हैं, उनके भी समय पर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।