तेलंगाना में चुनाव से कुछ समय पहले भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। हालांकि, कार्यकर्ताओं में ऐसी भी चर्चा रही कि बंडी संजय को हटाकर पार्टी ने ऐन वक्त पर चूक कर दी। कर्नाटक में हार के बाद भाजपा के लिए तेलंगाना दक्षिण के लिहाज से अहम राज्य है। अपने शांत स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले रेड्डी का कहना है कि पार्टी में सब लोग मिलकर सरकार बनाएंगे। प्रदेश की तमाम राजनीतिक गतिविधियों पर उनसे बात की नितिन यादव ने।
- भाजपा की तेलंगाना को जीतने की क्या तैयारी है?
पिछले चुनाव के मुकाबले हमारा वोट काफी बढ़ेगा। हमने पिछले कई सालों से लगातार काम किया है और इसी के सहारे हम सत्ता में आएंगे। ओवैसी को लेकर बहुत ज्यादा बयानबाजी हो रही है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के भी उन पर आरोप लगते रहे हैं। ऐसी बातों का कोई मतलब नहीं है। वैसे भी राजनीति में लोग फायदे देखकर ऐसे बयान देते रहते हैं। ओवैसी पहले कांग्रेस के साथ रहे और अब बीआरएस के साथ हैं। वह हमेशा सत्ता के साथ रहते हैं।
- बीआरएस के खिलाफ कोई खास मुद्दा, जिसे जनता के बीच लेकर जाएंगे?
यहां तो हर जगह सत्ता के खिलाफ नाराजगी है। बीआरएस और कांग्रेस दोनों परिवारवादी पार्टी हैं। बीआरएस एक परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है। उसमें पिता, बेटा, बेटी और दामाद से सब कुछ शुरू होता है और उसी के साथ खत्म होता है। उनका भ्रष्टाचार ही उन्हें इस बार सत्ता से बाहर कर देगा। विकास के नाम पर उन्होंने अपनी और अपने खास लोगों की जेबें भरी हैं।
कांग्रेस कह रही है कि यहां उनका मुकाबला बीआरएस के साथ है, भाजपा मैदान में ही नहीं है। यह उनके नेताओं का अहंकार है। कांग्रेस धनबल और बाहुबल का सहारा लेती है। ऐसे में उन्हें लगता है कि उनकी धन की ताकत के आगे कोई नहीं है लेकिन, असल में ऐसा नहीं है। जनता दोनों पार्टियों को आजमा कर देख चुकी है। तेलंगाना के हिस्से में सिर्फ भ्रष्टाचार और झूठे वादे आए हैं।
- हल्दी बड़ा मुद्दा रहा है, अब क्या करेंगे किसानों के लिए?
देखिए, हमने वादा किया और उसे पिछले दिनों निभाया है। केंद्र की ओर से हल्दी किसानों के लिए हल्दी बोर्ड के गठन की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में घोषणा कर चुके हैं। एक जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने की भी घोषणा प्रधानमंत्री कर चुके हैं। 12 हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाएं पिछले दिनों तेलंगाना की जनता को समर्पित की गईं।
- राजा सिंह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। पार्टी ने उनका निष्कासन रद्द करते हुए फिर से गोशामहल से टिकट दे दिया। ऐसी क्या मजबूरी रही
कोई मजबूरी नहीं है। उन्होंने पार्टी को सही तथ्य उपलब्ध कराए और सबको लगा कि उनकी बात को सही तरह से पेश नहीं किया गया। यह तो पार्टी का अंदरूनी मामला है। वह हमारे प्रत्याशी हैं और मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।
- लोकसभा चुनाव पर असर होगा?
दोनों चुनाव अलग हैं और दोनों के मुद्दे भी अलग होते हैं। यह चुनाव इस बात का है कि केसीआर रहेंगे या नहीं। इसके मुद्दे स्थानीय हैं।
- यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर देंगे। हैदराबाद की अपनी एक विरासत है। नाम बदलना ठीक रहेगा।
मद्रास भी पुराना नाम था फिर चेन्नई क्यों किया गया। बॉम्बे को मुंबई किया गया और ऐसे ही कलकत्ता को कोलकाता तो फिर हैदराबाद पर ऐतराज क्यों। योगी आदित्यनाथ इस चुनाव में फिर आएंगे। हम सत्ता में आने पर नाम भाग्यनगर करेंगे।
- केसीआर भी सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर चलते दिखाई देते हैं कई बार
यह उनका दिखावा है। वह निजाम की समाधि पर जाते है, जिसने हजारों हिंदुओं का कत्ल कराया। इतना नहीं, वह हिंदू त्योहारों पर आपको नहीं दिखाई देंगे। जनता को भ्रम में डालने का खेल है।
- लोग कह रहे हैं कि बंडी संजय को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने के बाद भारतीय जनता पार्टी का ग्राफ गिरा है।
यह पार्टी की अपनी प्रक्रिया है। 10 से ज्यादा राज्यों में बदलाव हुआ और यहां पर पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी सौंप दी। सब मिलकर काम कर रहे हैं।
- दूसरे राज्यों में एमपी भी चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन यहां पर आप नहीं, ऐसा क्यों?
देखिए, पार्टी साफ कर चुकी है कि तेलंगाना में सरकार बनने पर ओबीसी मुख्यमंत्री होगा तो मेरे सीएम फेस होने जैसा कुछ नहीं है। मैं पार्टी के सभी प्रत्याशियों को चुनाव लड़वा रहा हूं। पार्टी के लोगों को जिताना ज्यादा जरूरी है।