पराली जलाने में पाँजब नंबर वन , बेबस हैं भगवंत मान ।
दिल्ली की वायु फिर प्रदूषित होने लगी हैं । जिस पराली जलाने को लेकर केजरिवाल हंगामा मचाते हुए पंजाब की सत्ता पर काबिज हुए लेकिन इस साल पराली जलाने में पंजाब के किसान पंजाब सरकार और दिल्ली सरकार के कंट्रोल से बेकाबू हो चुके हैं। पंजाब में सिर्फ रविवार को 3230 जगहों पर पराली जली है । पंजाब में इस सीजन में अब तक 17,403 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं । पराली जलाने के कुल मामलों का 78 फीसदी बीते आठ दिनों में रिकॉर्ड किया गया है । आंकड़ों से पता चलता है कि सिर्फ पंजाब में नवंबर में पराली जलाने की घटनाएं इस मौसम में कुल घटनाओं का 56 फीसदी हैं । रविवार को तो जब पराली जलाने रोकने के लिए एक अधिकारी किसानों के पास गया तो किसानों ने उसे बंधक बना कर उसी से पराली जलवाई । हालांकि दिल्ली की प्रदूषित हवा को लेकर आम आदमी पार्टी रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं । दिल्ली में वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बड़ा एलान किया है । पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए दिल्ली में एक बार फिर ऑड-इवन रूल लागू किये जा रहे हैं । 13 नवम्बर से 20 नवम्बर तक दिल्ली में odd- even फार्मूला लागू होगा । इसके तहत हफ्ते में कुछ दिन केवल ईवन नंबर की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां सड़कों पर चल सकेंगी और बाकी दिन ऑड नंबर प्लेट की व्हीकल्स चलाई जा सकेंगी। इसके लिए अभी शेड्यूल जारी होना बाकी है । एक्सपर्ट के मुताबिक़ पराली के साथ-साथ लगातार तापमान का गिरना और हवा की स्पीड बहुत धीमी होना इसकी मुख्य वजह है। सोमवार को 436 AQI रहा ।
बता दें कि दिल्ली के अंदर आवश्यक सेवाएं वाले ट्रक और CNG, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अलावा सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली में सभी कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर पूरी तरह से पाबंदी है । खराब हवा के बीच 10 नवंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं । केवल 10वीं और 12वी के बच्चों के लिये स्कूल खुले होंगे क्योंकि उनके बोर्ड एग्जाम आने वाले हैं।
उल्लेखनीय है कि नवंबर शुरू होते ही स्मॉग के चलते एयर दिल्ली की एयर क्वॉलिटी खराब होती जा रही है।आसमान में धुएं की चादर छाई हुई है और सांस लेना मुश्किल हो रहा है। एक्यूआई इतना बिगड़ गया है कि दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। गले में खराश, आंखों में जलन आदि के साथ-साथ सांस संबंधित गंभीर बीमारियों से भी लोग ग्रसित हो रहे हैं ।
मालूम हो, साल 2016 की जनवरी में जब वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही थीं, तब दिल्ली सरकार पहली बार ऑड-ईवन नियम लागू किया गया था।