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Monday, June 30, 2025

नारायण मूर्ति के बयान का पई ने भी किया समर्थन, कहा- कड़ी मेहनत से ही समृद्धि आती है

इंफोसिस के संस्थापक सदस्य नारायण मूर्ति के हफ्ते में 70 घंटे काम वाले बयान को लेकर लगातार बयानबाजी जारी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ जहां नारायण मूर्ति की सलाह के विरोध में हैं, वहीं कई बड़े बिजनेसमैन इसका समर्थन कर रहे हैं। अब इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई का बयान सामने आया है। पई ने भी नारायण मूर्ति के बयान का समर्थन किया है और कहा है कि कड़ी मेहनत से ही समृद्धि आती है। विज्ञापन

मोहनदास पई बोले- कड़ी मेहनत से ही समृद्धि आती है
मोहनदास पई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में मोहनदास पई ने एक डाटा भी साझा किया है, जिसमें भारत के अलग-अलग राज्यों में हफ्ते में काम के घंटों की जानकारी दी गई है। इस पोस्ट में मोहनदास पई ने लिखा कि ‘यह दिलचस्प डाटा है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए है लेकिन नारायण मूर्ति ने जो सलाह दी थी वो युवाओं, 30 साल से कम उम्र के लोगों के लिए थी। समृद्धि के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। डाटा से यह पता चलता है।’

मोहनदास पई ने जो डाटा साझा किया है, उसके अनुसार, भारतीय हर हफ्ते औसतन 61.6 घंटे काम करते हैं। दादर और नगर हवेली और दमन दीव में यह आंकड़ा 78.6 घंटे है, जो कि देश में सबसे ज्यादा है। यह डाटा भारत सरकार के टाइम यूज सर्वे के अनुसार है, जो साल 2019 में भारत सरकार ने कराया था। 

नारायण मूर्ति की सलाह को लेकर बंटा सोशल मीडिया
बता दें कि मशहूर उद्योगपति नारायणमूर्ति ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि ‘भारत दुनिया में सबसे कम उत्पादकता वाले देशों में से एक है। जब तक हम अपने काम की उत्पादकता को नहीं बढ़ाते हैं, जब तक भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाते हैं और अपनी नौकरशाही के फैसले लेने में लगने वाले समय को नहीं घटाते हैं, तब तक हम उन देशों के साथ मुकाबला नहीं कर पाएंगे, जिन्होंने तेजी से विकास किया है।’ नारायण मूर्ति ने कहा कि ‘मेरी युवाओं से अपील है कि वह देश के लिए यह कहें कि वह हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहते हैं। जैसा कि जर्मनी और जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किया।’

नारायण मूर्ति के हफ्ते में 70 घंटे काम वाले इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणियां आयीं। यूजर्स ने इंफोसिस में युवाओं को मिलने वाली सैलरी पर सवाल उठाए। साथ ही भारत के कार्य संस्कृति को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। बंगलूरू के एक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति के बयान की आलोचना की और कहा कि हफ्ते में 70 घंटे काम के बाद लोगों के पास सामाजिकता, परिवार और व्यायाम के लिए समय ही नहीं  बचेगा। फिर हम पूछेंगे कि युवाओं को दिल के दौरे क्यों पड़ रहे हैं?

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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