केरल के एर्नाकुलम में प्रार्थना सभा में धमाके के प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना का खौफनाक विवरण दिया। किस तरह वहां चीख-पुकार मची थी। प्रार्थना सभा में मौजूद एक व्यक्ति ने बताया, पहला धमाका होने के साथ मेरी आंख बंद हो गई। जब आंख खोली तो आग का एक बड़ा गोला मेरे सामने था। सब दौड़ रहे थे। कुछ लोग फर्श पर पड़े थे। पूरे हॉल में अफरातफरी थी और बड़ी संख्या में लोग अंदर फंसे थे। भीड़ में बड़ी संख्या महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की थी जो सुबह की प्रार्थना के लिए जमा हुए थे।
70 वर्षीय एक बुजुर्ग ने कांपती आवाज में बताया, मैं हॉल के किनारे खड़ा होकर आंखें बंद कर प्रार्थना कर रहा था। तभी मुझे अपने करीब जोरदार धमाका सुनाई दिया। इसके बाद मुझे केवल आग दिखाई दिया और दूसरों की तरह मैं भी दरवाजे की तरफ भागा। उन्होंने कहा, इतने सालों की अपनी प्रार्थना के दौरान मैंने कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था। अपने माथे को दोनों हाथों से पकड़े एक महिला घटना के बाद खुद को किसी तरह संभालती दिखी। उन्होंने बताया, हॉल में बुजुर्ग और बच्चों की बड़ी संख्या थी। घटना के बाद टीवी चैनलों पर लगातार दमकल और पुलिसकर्मियों को बड़ी संख्या में घायलों को घटनास्थल से बाहर निकालते देखा जा सकता था। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, सभी चिकित्साकर्मियों की छुट्टी रद्द कर उन्हें वापस बुला लिया गया है। एनएसजी ने बम निरोधक दस्ते को केरल भेजाएर्नाकुलम बम धमाके के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने अपने बम निरोधक दस्ते को घटनास्थल पर भेजा, जो वहां धमाके में इस्तेमाल हुई सामग्री की वैज्ञानिक जांच करेगा। सूत्रों ने बताया कि इस दस्ते में आठ लोग शामिल हैं। एनएसजी चीफ एमए गणपति ने इस बारे में उचित निर्देश जारी किए हैं।