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Thursday, June 26, 2025

आज नवरात्रि के सातवां दिन पर मां कालरात्रि की होगी पूजा, जाने पूजा विधि और मंत्र

Shardiya Navratri 2023 7th Day Maa Kalratri Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। 21 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। नवरात्रि में सातवें दिन महासप्तमी पड़ती है। इस दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है। साथ ही ये देवी अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं। इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है। मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं। मां कालरात्रि की पूजा-आराधना से भय और रोग का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु, रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं।

पूजा विधि

  • शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः स्नान करें। 
  • स्नान के बाद माता के सामने घी का दीपक जलाएं। 
  • उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करें। 
  • मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य आदि का अर्पण किया जाता है। 
  • इस दिन गुड़ का विशेष महत्व बताया गया है। 
  • मां कालरात्रि को गुड़ या उससे बने पकवान का भोग लगाएं। 
  • पूजा समाप्त होने के बाद माता के मंत्रों का जाप कर उनकी आरती करें। 
  • साथ ही दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। 

मंत्र

  • ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .
  • ॐ कालरात्र्यै नम:

कैसा है माता का स्वरूप कहा जाता है कि मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लेना पड़ा था। देवी कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। इनके श्वास से आग निकलती है। गले में विद्युत की चमक वाली माला है। मां के केश बड़े और बिखरे हुए हैं। देवी कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्माण्ड की तरह विशाल व गोल हैं, जिनमें से बिजली की भांति किरणें निकलती रहती हैं। मां के चार हाथ हैं, जिनमें एक हाथ में खडग अर्थात तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरे हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा वरमुद्रा में है। मां का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों का नाश करने के लिए है। ये अपने तीनों बड़े-बड़े उभरे हुए नेत्रों से भक्तों पर अनुकम्पा की दृष्टि रखती हैं।

मां कालरात्रि की पूजा का महत्वनवरात्रि में सप्तमी की रात्रि सिद्धियों की रात कही जाती है। इस दिन देवी की पूजा से रोग का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय मिलती है। ऐसे में ग्रह बाधा और भय दूर करने वाली माता की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन जरूर करनी चाहिए।  

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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