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Sunday, December 22, 2024

किसान आंदोलन: केजरीवाल सरकार ने नहीं दी दिल्ली पुलिस को इजाजत 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की तैयारी कर रही दिल्ली पुलिस को झटका लगा है। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी, जिसे दिल्ली के होम मिनिस्टर सत्येंद्र गर्ग ने ठुकरा दिया है। 

दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि किसानों की मांगें जायज हैं। केन्द्र सरकार को किसानों की मांगे तुरंत माननी चाहिए। किसानों को जेल में डालना इसका समाधान नहीं है। इनका आंदोलन बिल्कुल अहिंसक है। अहिंसक तरीके से आंदोलन करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। उसके लिए किसानों को जेलमें नहीं डाला जा सकता। इसलिए स्टेडियम को जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को दिल्ली सरकार नामंजूर करती है।

आपको बता दें कि किसान मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी, जहां हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए किसानों को रखा जा सके। इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता राघव ने इस मांग को ठुकराने की दिल्ली सरकार से अपील की थी।

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत शुक्रवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के गोले दोगे। सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस में झड़प देखने को मिली। पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। 

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च के तहत सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दोगे। दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बार्डर पर आंसू गैस के गोले दागे गए। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हम किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम उन्हें यह भी बता रहे हैं कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर किसी प्रकार की रैली करने या धरना देने की अनुमति नहीं है।

अधिकारी ने कहा, ‘उन्हें अनुमति नहीं दी गई और अगर उन्होंने दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और रेत से भरे ट्रक तथा पानी के टैंक भी वहां तैनात हैं।’ प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बाड़ लगाने के लिए कांटेदार तार का भी उपयोग किया जा रहा है।

तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभू, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे। सभी सीमाओं पर तनाव कायम है। ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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