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Tuesday, July 1, 2025

महिला आरक्षण विधेयक: राजनीतिक दल बोले- महिलाओं को जल्द से जल्द उनका अधिकार मिलना चाहिए

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक (डब्ल्यूआरबी) को मंजूरी दे दी, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में डब्ल्यूआरबी को मंजूरी दे दी। विधेयक पर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी। वहीं, डब्ल्यूआरबी की पहल पर कांग्रेस ने दावा किया है कि यूपीए सरकार ने इस विधेयक की शुरुआत की थी। 

ये हमारा है: सोनिया गांधी

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद भवन पहुंचीं। यहां पत्रकारों ने महिला आरक्षण बिल पर उनकी राय पूछी तो उन्होंने कहा कि ये हमारा है, ये अपना है। 

जिस ढंग से हम लाना चाहते हैं लाया जाए: अधीर रंजन 

वहीं, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अभी विधेयक के अंदर क्या है यह नहीं बता सकते। जब विधेयक आएगा तब हमारी पार्टी की तरफ से जो भी मांग होगी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से हम लाना चाहते हैं लाया जाए विधेयक तो अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक की मांग हमारी नेता सोनिया गांधी ने शुरू की थी। हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक जल्द से जल्द लाया जाए और पारित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें इतना समय लगा, लेकिन अगर इसे पेश किया जाता है तो हमें खुशी होगी।

पर्दे के पीछे की राजनीति के बजाय…: जयराम रमेश

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस महासचिव और संचार मामलों के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा था कि पार्टी लंबे समय से संविधान के 108वें संशोधन विधेयक 2008 को लागू करने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर पूरी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे की राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी।

लंबी लड़ाई लड़नी होगी: मनोज झा 

महिला आरक्षण बिल पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि पहली बार कैबिनेट की बैठक में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई। हम महिला आरक्षण विधेयक पर सरकार के इरादों पर और स्पष्टता चाहते हैं। लालू यादव के समय से, हमारी पार्टी का मानना है कि यदि आपका विचार प्रतिनिधित्व का विस्तार करना है तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक कि आप एससी, एसटी और ओबीसी को कोटा नहीं देते हैं। 

उन्होंने कहा कि कोटा के भीतर एक कोटा होना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो हमें सामाजिक न्याय पर लंबी लड़ाई लड़नी होगी। 

मोदी सरकार के साढ़े नौ साल बीत गए: प्रियंका चतुर्वेदी 

महिला आरक्षण विधेयक पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि यह विधेयक बहुत पहले लाया जाना चाहिए था। यह 2014 में भाजपा के घोषणापत्र में था, लेकिन यह मोदी सरकार के साढ़े नौ साल बाद हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि इससे महिलाओं को सही तरीके से सशक्त बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मैं आशा करती हूं कि विधेयक जल्द पारित हो जाएगा। मुझे उम्मीद है कि यह विधेयक 2024 के लोकसभा चुनावों में लागू होगा और 33 प्रतिशत महिलाएं निर्वाचित होंगी और देश के विकास में भाग लेंगी।

देर आए दुरस्त आए: सुशील गुप्ता

आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि राज्यसभा से पास होने के बाद एक दशक से यह विधेयक लंबित था। इसे लगभग 10 साल पहले पारित किया जाना चाहिए था जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी। इसके लिए विशेष सत्र बुलाना पड़ा। उन्होंने कहा कि देर आए दुरस्त आए। कभी न होने से बेहतर है कि देर हो जाए। 

उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए। आम आदमी पार्टी हमेशा महिलाओं के बेहतर प्रतिनिधित्व के समर्थन में रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह विधेयक कांग्रेस सरकार के दौरान राज्यसभा में पारित हुआ था। पर इसे लोकसभा में पारित नहीं किया जा सका। उस समय के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दोषी हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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