हरिद्वार महाकुंभ मेला इस बार केवल एक माह का होगा। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कुंभ की एसओपी पहले ही जारी हो चुकी है। जल्दी ही इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी। बता दें कि महाकुंभ की एसओपी को लेकर कुछ व्यापारियों और संत समाज में रोष है। अब कुंभ केवल एक माह का होगा मुख्य सचिव की ओर से इस बात की पुष्टि होने के बाद रोष और बढ़ सकता है
वहीं उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि कुंभ की तैयारियां जारी हैं। 19 फरवरी को पुलिस और खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के साथ अंतरराज्यीय बैठक आयोजित की जाएगी। नए घाट, पुल, पार्किंग, फोर लेन हाईवे बन चुके हैं। एनएसजी, एटीएम, क्यूआरटी और महिला कमांडो भी तैनात किए जाएंगे।
केंद्र से मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी होने के बाद राज्य सरकार ने भी कुंभ की विस्तृत एसओपी जारी कर दी थी। इसके तहत आश्रम और धर्मशालाओं से लेकर परिवहन तक के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए गए हैं।
इस बार कुंभ मेले में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रवेश नहीं मिलेगा। वहीं, सामूहिक भजन गायन और भंडारे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यात्रियों को ऑनलाइन ही पास जारी किए जाएंगे। यात्री रजिस्ट्रेशन के लिए www.haridwarkumbhmela2021.com पर आवेदन कर सकते हैं।
आरोग्य सेतु एप होना भी अनिवार्य
एसओपी में आश्रम, धर्मशाला, वाहन पार्किंग स्थान, होटल व रेस्टोरेंट, हॉल्टिंग प्वाइंट, धार्मिक स्थल, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक परिवहन और बस स्टेशन के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं।
सभी में इस बात का सख्ती से लागू किया गया है कि अगर नियमों का पालन नहीं होगा तो सीधे तौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में केवल तभी प्रवेश मिलेगा, जबकि उनके एंट्री पास और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही से निशान लगा होगा। मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं के बीच दो गज की दूरी आवश्यक होगी।
उनके मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना भी अनिवार्य होगा। कुंभ में अगर कोई वाहन या तीर्थयात्री बिना पंजीकरण आएगा तो उसे किसी भी सूरत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। एसओपी में कहा गया है कि शाही स्नान की जो तिथियां अधिसूचित होंगी, उन पर हरिद्वार में बाजार बंद रहेंगे। केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें जैसे- डेयरी, भोजन, दवा, पूजन सामग्री व कंबल की दुकानें ही खुलेंगी। पवित्र स्नान के लिए केवल 20 मिनट का ही समय दिया जाएगा।