नए कृषि कानूनों पर मचे किसानों के बवाल के बीच गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गई है।
आज जब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए भाजपा नीत हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पूरी तरह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।
इसके बाद हरियाणा के सीएम खट्टर ने पलटवार करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, ”कैप्टन अमरिंदर जी, मैंने पहले ही कहा है और मैं इसे फिर से कह रहा हूं, मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर एमएसपी पर कोई परेशानी होगी – इसलिए, कृपया निर्दोष किसानों को उकसाना बंद करें।
मैं पिछले 3 दिनों से आपसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुख की बात है कि आपने दूरी बनाने का फैसला किया – इससे पता चलता है कि आप किसान के मुद्दों के प्रति कितने गंभीर हैं? आप केवल ट्वीट कर रहे हैं और बातचीत से भाग रहे हैं, क्यों?
आपके झूठ, झूठे प्रचार का समय अब खत्म हो गया है – लोगों को अपना असली चेहरा देखने दें। कृपया कोरोना महामारी के दौरान लोगों के जीवन को खतरे में डालना बंद करें। मैं आपसे लोगों के जीवन के साथ नहीं खेलने का आग्रह करता हूं – कम से कम महामारी के समय सस्ती राजनीति से बचें।”
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था, ”मनोहर लाल खट्टर, लगभग 2 महीने से किसान बिना किसी समस्या के पंजाब में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार बल प्रयोग कर उन्हें क्यों उकसा रही है? क्या किसानों को सार्वजनिक राजमार्ग से शांतिपूर्वक गुजरने का अधिकार नहीं है?
यह एक दुखद विडंबना है कि #ConstitutionDay2020 पर किसानों के संवैधानिक अधिकार को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। एमएल खट्टर जी उन्हें जाने दो, उन्हें इस कगार पर मत लाओ। उन्हें उनकी आवाज को शांति से दिल्ली ले जाने दें।
उन्होंने कहा कि मैं भाजपा से उनकी राज्य सरकार को किसानों के खिलाफ क्रूर बल का इस्तेमाल ना करने का निर्देश देने का आग्रह करता हूं। जो हाथ देश को खाना खिलाते हैं उन्हें थामा जाना चाहिए, धकेला नहीं जाना चाहिए।