उत्तर प्रदेश के मेरठ में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में करीब 40 हजार वाहन फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चल रहे हैं। पिछले सवा साल से चल रही फैक्ट्री में अब तक इतनी प्लेटें सप्लाई करने की बात आरोपियों ने कुबूली हैं।
सिविल लाइन थाने के इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकि ने इस बात की पुष्टि की है कि मोहनपुरी में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने की फैक्ट्री सवा साल से चल रही थी। इस फैक्ट्री से यूपी के मेरठ, बरेली, लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, बिजनौर, बुलंदशहर समेत दस जिलों की नंबर प्लेटें मिली हैं। इसके अलावा कुछ प्लेटें दिल्ली-उत्तराखंड नंबरों की भी हैं।
नियम लागू होते ही खोली फैक्ट्री
फैक्ट्री मालिक तनुज अग्रवाल ने पूछताछ में बताया कि दिल्ली में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का नियम पहले ही शुरू हो गया था। तभी उसने मेरठ में फैक्ट्री खोल ली। इस फैक्ट्री से वह करीब 40 हजार प्लेट बनाकर बेच चुका है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मेरठ समेत कई शहरों में फर्जी नंबर प्लेट बेचने वालों के नाम-पते आ चुके हैं। टीम बनाकर छापामार कार्रवाई की जा रही है।
यह था मामला
मेरठ की सिविल लाइन थाना पुलिस ने शुक्रवार रात मोहनपुरी में फ्लैक्स बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां से फैक्ट्री मालिक तनुज अग्रवाल व श्रीराम की गिरफ्तारी हुई। दोनों को शनिवार को जेल भेज दिया। फैक्ट्री से करीब 400 फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेटें और कई मशीनें मिली थीं। इसके बाद सदर बाजार थाना पुलिस ने दुकानदार संदीप को 18 फर्जी नंबर प्लेट सहित पकड़ा।