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Tuesday, July 8, 2025

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय बोले- बाइडन बोलेंगे मोदी से रूस के साथ व्यापारिक संबंध ना रखें

पीएम नरेंद्र मोदी आजकल अमेरिका में पहुंचे हैं। उनकी यह यात्रा चार दिवसीय है। पीएम की यात्रा से सभी उत्साहित हैं। इस बीच, अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने भारत के रक्षा उपकरणों के विविधीकरण पर भरोसा जताया है। उसका कहना है कि अमेरिका को भारत के सैन्य उपकरणों के विविधीकरण पर पूरा भरासा है। उसका मानना है कि वाशिंगटन का औद्योगिक सहयोग का प्रस्ताव दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को और एकीकृत करेगा। साथ ही उन्होंने एक बार फिर रूस के साथ संबंधों को खत्म करने का आग्रह किया है।

पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका में स्वागत करते हैं। उनकी यात्रा को लेकर सभी उत्साहित हैं। हाल ही में, मोदी की यात्रा को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत गए थे। वहां उन्होंने अपने समकक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। अमेरिका के रक्षा मंत्री ने बताया था कि दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर डील हुई हैं। इनकी घोषणा पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर की जाएगी।

गौरतलब है, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे हैं।

सिंह ने कहा कि हम भारत के उपकरणों के विविधीकरण में गहरा विश्वास रखते हैं। पिछले एक दशक में, औद्योगिक सहयोग के लिए हमारा प्रस्ताव अमेरिका और भारतीय रक्षा उद्योगों को और एकीकृत करेगा। वहीं, सबरीना ने रूस को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सभी भागीदारों और सहयोगियों से अनुरोध करता है कि वह रूस के साथ लेनदेन से बचें। उन्होंने मॉस्को पर लगाए प्रतिबंधों को लेकर कहा कि हम हमेशा सभी से आग्रह करेंगे कि रूस के साथ लेन-देन से बचें।

उन्होंने कहा कि ये दोनों ही अहम मुद्दे हैं। लेकिन बिल्कुल अलग-अलग मामले है। भारत को रूस के साथ व्यापार न करने का आग्रह करेंगे। हालांकि, अगर भारत की बात आती है तो हम उनके उपकरणों के विविधीकरण और उनके साथ एकीकृत करने की तो हम आश्वस्त रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान संभावित रक्षा सौदों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि व्हाइट हाउस या किसी अन्य एजेंसियों से आने वाली किसी भी घोषणा से पहले कुछ नहीं कह सकती हूं।

अमेरिका लगा रहा प्रतिबंध, देश कर रहा व्यापार

. भारत ने अक्टूबर 2018 में S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों की खरीद के लिए रूस के साथ 5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

रूस ने दिसंबर 2021 में मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट की डिलीवरी शुरू की थी और इसे उत्तरी क्षेत्र में चीन के साथ सीमा के कुछ हिस्सों के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ लगी सीमा को कवर करने के लिए तैनात किया गया है।

. रूस भारत को सैन्य हार्डवेयर का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। मॉस्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों के मद्देनजर दोनों देश इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि उनके बीच किस तरह के भुगतान तंत्र काम कर सकते हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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