पटना हाईकोर्ट ने राजीव नगर के नेपाली नगर में तोड़े गए मकानों पर रोक को स्थायी कर दिया है। जुलाई 2022 में इस इलाके में निर्माण को अवैध करार देते हुए सरकार ने दर्जनों भवनों पर बुलडोजर चलवा दिया था। खून-पसीने की कमाई से बनाए मकानों को ढहते देख लोग दौड़ते हुए पटना हाईकोर्ट पहुंचे, तब सरकार की ओर से जिरह के बावजूद हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
अब पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए
गुरुवार 25 मई 2023 उन लोगों के लिए ऐतिहासिक हो गया, जब हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि मकानों को तोड़ना गलत है। बाशिंदों को रहने की अनुमति ही नहीं दी गई, बल्कि सरकार को यह भी साफ कर दिया कि मकानों को ढहाया जाना अवैध था और इसके लिए अब पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
1830 से अधिक परिवार को राहत मिली
जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने नेपाली नगर में मकानों पर बुलडोजर चलाने के मामले को पूरी तरह से अवैध ठहराया। जिनके मकान तोड़े गए हैं, उन्हें 5-5 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि क्षति-पूर्ति की राशि अधिक हो तो उसपर भी विचार करना होगा। कोर्ट की ओर से कहा गया कि जिस मकान का निर्माण 2018 के पहले बने हैं, उसपर दीघा लैंड सेटलमेंड कार्रवाई की जाए। कोर्ट के इस फैसले के बाद 380 एकड़ से अधिक जमीन पर रहने वालों 1830 से अधिक परिवार को राहत मिली है।
कार्रवाई से पहले लोगों को नोटिस भी नहीं दी गई
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाया गया कि प्रशासन ने कार्रवाई से पहले न तो लोगों को नोटिस दिया और न ही उन्हें कोर्ट में अपील करने का वक्त दिया। जांच में यह भी पाया गया कि जिन घरों पर प्रशासन ने कार्रवाई की, वह अतिक्रमणकारी नहीं है। अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को पटना हाईकोर्ट ने कैंसिल कर दिया।
हाईकोर्ट के फैसले से लोगों ने ली राहत की सांस
इधर, फैसला आने के बाद समाजसेवी विशाल सिंह ने बताया कि पटना हाईकोर्ट का धन्यवाद करता हूं। यह लोकतंत्र की जीत है। नेपाली नगर के सैकड़ों पीड़ित को न्याय मिला है। प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से लोगों के घरों तो तोड़ दिया गया था। करीब 60 घरों को तोड़ा गया। प्रशासन से अपील है लोगों की क्षति का आकलन कर उन्हें मुआवजा उपलब्ध करवाए।