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Tuesday, June 24, 2025

2,000 के नोट बिना फॉर्म, पहचान पत्र के बदले जाने पर विरोध प्रदर्शन- RBI-SBI के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे भाजपा नेता

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का एलान किया है। अब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2000 रुपये के नोट बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा कराने या अन्य छोटे मूल्य के नोट में नकद भुगतान किए जाने का आदेश मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

भ्रष्ट लोगों ने जमा कर रखे हैं रुपये

इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि बड़ी संख्या में नोट लोगों के लॉकर में पहुंच गए हैं। वहीं, शेष अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, मादक पदार्थ के तस्करों, खनन माफियाओं तथा भ्रष्ट लोगों ने जमा कर रखे हैं। काले धन पर रोक लगाने के लिए मांग की गई है।

संबंधित बैंक खातों में जमा कराए जाएं रुपये

याचिका में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को निर्देश दिए जाएं कि 2000 रुपये के नोट संबंधित बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं। इससे काले धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की आसानी से पहचान हो सकेगी। साथ ही भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन को खत्म करने में मदद मिलेगी।

इसमें कहा गया है कि अधिक मूल्य के नोट में नकद लेनदेन भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है तथा इन नोटों का आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, कट्टरपंथ, जुआ, तस्करी, धन शोधन, अपहरण, वसूली, रिश्वतखोरी और दहेज आदि जैसे गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है। याचिका के अनुसार, यह देखते हुए आरबीआई और एसबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 2,000 रुपये के नोट केवल संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाए।

प्रत्येक परिवार के पास है बैंक खाता

याचिका में कहा गया है कि हाल में केंद्र ने यह घोषणा की थी कि प्रत्येक परिवार के पास आधार कार्ड तथा बैंक खाता होना चाहिए। फिर क्यों आरबीआई बिना पहचान पत्र के 2,000 के नोट बदलने की अनुमति दे रहा है। यह बताना भी जरूरी है कि गरीबी रेखा से नीचे 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त अनाज मिलता है। अश्विनी ने कहा कि हम आरबीआई तथा एसबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हैं कि 2,000 रुपये के नोट केवल बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं।

30 सितंबर तक का समय

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।

रुपये बदलने के ये नियम

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम लोगों को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों यानी 2,000 रुपये के दस नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी। बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा कि ‘विनिमय के समय कोई पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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