सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की समय पूर्व रिहाई मामले में कार्रवाई न होने पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव-गृह को अवमानना नोटिस जारी किया। पीठ अब इस पर 8 मई को सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याची के वकील ऋषि मल्होत्रा से अवमानना याचिका की प्रति यूपी की अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) गरिमा प्रसाद को देने के लिए कहा।
पीठ ने प्रतिवादियों को निजी पेशी से छूट दे दी, पर अगली तारीख पर वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहने के लिए कहा है। पीठ ने आदेश में कहा, गत वर्ष 14 मार्च को प्रशासन को समय पूर्व रिहाई संबंधी सभी आवेदनों का तीन माह में निपटारा करने के लिए कहा गया था, लेकिन याचिकाकर्ता नीरज के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। शीर्ष अदालत ने लंबित आपराधिक अपीलाें के कारण यह आदेश दिए थे। पर, प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी, तो नोटिस जारी किया।
उधर, शिवसेना के 16 विधायकों की अपात्रता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक तीन दिन के अवकाश पर चले गए। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है, लेकिन उनके अचानक सातारा स्थित अपने गांव रवाना होने से राजनीतिक अटकलबाजियां शुरू हो गई है। बीते दिनों राकांपा नेता अजीत पवार के भाजपा में शामिल होने की चर्चा जोरों पर थी।