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Saturday, June 21, 2025

आनंद मोहन बोले- गुजरात में भी माला पहना कर कुछ लोग छोड़े गए

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। फिलहाल वह पैरोल पर बाहर हैं। मंगलवार को रिहाई पर सवाल उठाने वालों पर बाहुबली आनंद मोहन ने जमकर निशाना साधा है। उन्होंने रिहाई के सवाल का जवाब देते हुए मीडिया के सामने गुजरात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कहने के लिए कोई कुछ भी कह सकता है। गुजरात में भी नीतीश कुमार और राजद के दबाव में कुछ फैसला हुआ है। वहां माला पहना कर कुछ लोग छोड़े गए हैं। उसे भी देख लीजिए। दरअसल, आनंद मोहन बिलकिस बानो केस का जिक्र कर रहे थे। जो बुरे दिन के साथी और समर्थक के साथ हमलोग बैठेंगे। अभी तो मांगलिक कार्यों के लिए निकला हूं। फिर जेल जाऊंगा। इसके बाद जब रिहाई का ठप्पा लग जाएगा तो लोगों को बुलाऊंगा। राजनीतिक सफर फिर से शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मर तो नहीं गया हूं। जेल में था। मरा तो नहीं हूं। जी कृष्णैया के परिवार से बहुत सहानभूति हैं। इस पूरे कांड में दो परिवार तबाह हुआ। एक जी कृष्णैया जी का और दूसरा लवली आनंद का है।

सत्यनारायण भगवान के कथा में मैंने कलावती का नाम सुना
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा आनंद मोहन की रिहाई पर ऐतराज के सवाल पर आनंद मोहन कहा- कौन है मायावती ? मैं नहीं जानता हूं मायावती को। सत्यनारायण भगवान के कथा में मैंने कलावती का नाम सुना था, लेकिन मायवती का नहीं। दरसअल, मायावती ने 23 अप्रैल को कहा था कि बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।

मायावती ने कहा था- देश भर के दलित समाज में काफी रोष हैइतना ही नहीं मायावती ने आरोप लगाया था कि आनंद मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है। चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करें।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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