प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर भारी मुनाफे का लालच देकर धोखाधड़ी के मामले में एचपीजे टोकन कंपनी के ठिकानों पर छापे मारकर 92 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। ईडी ने गुरुग्राम, मुंबई और बंगलूरू में सोमवार को छापे मारे।
ईडी के अनुसार, एचपीजेड टोकन एक एप आधारित कंपनी है, जिसने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन व अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर मोटा मुनाफा का झांसा दिया था। ईडी ने नगालैंड के कोहिमा में साइबर क्राइम थाने में एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया था। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग में बड़ी साजिश और विभिन्न कंपनियों की संलिप्तता का पता चला है।
जांच में पाया गया, लिलियन टेक्नोकैब प्रा.लि. व शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड एचपीजेड टोकन के नाम पर संचालन और निवेशकों से धन एकत्र करने में शामिल थीं। आगे की जांच में पता चला कि भूपेश अरोड़ा और उसके सहयोगियों का शिगू टेक्नोलॉजी प्रा. लि. पर नियंत्रण था।
ईडी ने धन शोधन रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत की जा रही जांच के सिलसिले में चेन्नई स्थित करीब 100 वर्ष पुराने कारोबारी चेट्टीनाड समूह के ठिकानों पर छापे मारे। यह समूह सीमेंट निर्माण व भवन निर्माण समेत कई क्षेत्रों में सक्रिय है। सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई, त्रिची और कुछ अन्य जगहों पर छापे मारे गए। आयकर विभाग ने दिसंबर, 2020 में कंपनी पर छापा मारा था। उस समय आयकर विभाग ने 700 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया था।