उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेशियर फटने की घटना से ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई बाढ़ के बाद अभी भी बचाव कार्य जारी है.
अधिकारियों के अनुसार अब तक 8 शव बरामद किए गए हैं जबकि 170 लोग लापता हैं.
विवेक कुमार पांडे ने बताया, “हमने दूसरी टनल के लिए सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया है, वहां क़रीब 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है. आईटीबीपी के 300 जवान टनल को क्लियर करने में लगे हैं जिससे लोगों को निकाला जा सके. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक 170 लोग इस आपदा में लापता हैं.”
भारतीय वायुसेना ने बताया है कि इस त्रासदी में तपोवन हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर डैम जिसे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह तबाह हो चुका है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बिजली परियोजना में 35 लोग काम करते थे. वहां पुलिस के चार जवान भी सुरक्षा में तैनात थे, दो छुट्टी पर थे और दो वहां मौजूद थे. वे दोनों लापता हैं. 29-30 के क़रीब ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम करने वाले कर्मचारी लापता हैं.
इस इलाके में पांच किलोमीटर नीचे एनटीपीसी का निर्माणाधीन प्रोजेक्ट है और मोटी-मोटी जानकारी के मुताबिक 176 मज़दूर ड्यूटी के लिए निकले थे. वहां पर दो सुरंगे हैं. एक सुरंग में पंद्रह लोग थे, वो मोबाइल से संपर्क में आ गए थे. वहीं दूसरी सुरंग में अनुमान के मुताबिक 30-35 लोग संभावित हैं. इस सुरंग में मलबा अंदर तक प्रवेश कर गया है जिसकी वजह से सुरंग में प्रवेश करना बहुत मुश्किल है. आईटीबीपी के जवान वहां रस्सियों के सहारे पहुंचे हैं. वहां तक मशीनें पहुंचाना संभव नहीं है क्योंकि 35.-40 फीट तक सुरंग में गाद भरा हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा- ” वहां पर दो सुरंगे हैं. एक सुरंग में पंद्रह लोग थे, वो मोबाइल से संपर्क में आ गए थे, उन्हें बचाव कार्य के ज़रिए सुरंग से बाहर निकाला जा चुका है. दूसरी सुरंग में अनुमान के मुताबिक 30-35 लोग संभावित हैं. ”
पानी का स्तर बढ़ने के कराण इस बचाव कार्य को बीती रात लगभग एक घंटे के लिए रोका गया था लेकिन देर रात इसे दोबारा शुरू किया गया.
डीजीपी अशोक कुमार ने बचाव काम फिर से शुरू होने का एक वीडिया ट्वीट कर बताया, “पानी का स्तर बढ़ने से दूसरी टनल में बचाव कार्य अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. बचाव काम फिर शुरू हो चुका है. मशीनें फिर से सुरंग के प्रवेश द्वार से कीचड़ हटाने का काम कर रही हैं. कुछ एजेंसियां ग़लत जानकारी दे रही हैं.”
आईटीबीपी के मुताबिक़ इस बचाव अभियान में 250 जवानों की तीन टीमों को लगाया गया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ‘’इस कठिन समय में मोदी सरकार उत्तराखण्ड की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. एनडीआरएफ़, आईटीबीपी और एसडीआरएफ़ की टीमें वहाँ पहुँच गई हैं. वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे मरने वालों उनके परिजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है. उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया है.