मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर कुछ भी बोलने से इनकार किया, हालांकि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी के सवाल पर उनका भूतकाल याद दिलाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया, लेकिन दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यवहार के बहाने वर्तमान पीएम पर कटाक्ष जरूर किया। नीतीश ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता में कांग्रेस की ओर से देरी की बात कहकर अपना दर्द भी साझा किया। समाधान यात्रा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अमूमन मीडिया से बात नहीं कर रहे थे। बुधवार को बात की तो एक-एक कर कई बातें बोल गए। यह भी बोला कि मीडिया वाले बात करेंगे, लेकिन छापेंगे नहीं क्योंकि रोक है। पहले भी ‘अमर उजाला’ पर कोई रोक नहीं थी और आगे भी नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो कहा, वह सबकुछ पढ़ें।
राहुल गांधी की सजा के सवाल पर…
एक बात सुन लीजिए। आप जानते हैं कि कोर्ट के बारे में…किन्हीं के बारे में कुछ होता है…हम कुछ नहीं बोलते हैं। केस भी होता है तो हम कुछ नहीं बोलते हैं। कमेंट नहीं करते हैं। सब लोग अपनी राय तो कहते हैं। पार्टी के लोग कहते ही हैं। हम नहीं कहते हैं। कोर्ट के फैसले पर हम नहीं कमेंट करते हैं।
विपक्षी एकता के अभियान पर..
.विपक्ष के अधिक से अधिक लोगों की एकता हमारी इच्छा है। हम तो तब से इंतजार ही कर रहे हैं। हम इंतजार कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की इच्छा हो जाएगी तो एकजुट हो जाएंगे। तब मजबूती के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव को लड़ेंगे। हम तो इसी इच्छा में चुपचाप बैठे हुए हैं। हम दिल्ली दो राउंड गए। सब लोगों से बातचीत हो गई। हम वेट कर रहे हैं।
कांग्रेस का इंतजार कर रहे क्या…
हम तो उनका वेट ही कर रहे हैं। सब लोग तो तैयार ही है। कहा है कि आप लोग देख लीजिए, कर लीजिए। अन्य लोगों के साथ मिलकर (गठबंधन) करना है। जिस दिन होगा, उसी के लिए वेट कर रहे हैं। अनेक जो क्षेत्रीय पार्टियां हैं, उनमें बहुत लोगों की राय है कि आपस में एकता हो। हम वेट कर रहे हैं कि अगर उनकी भी इच्छा हो जाए तो ज्यादा से ज्यादा लोग मिल जाएंगे। और भी अच्छा होगा। अब हम लोग कुछ बोल नहीं रहे हैं। हम लोग की दो बार मीटिंग हुई अलग-अलग पार्टियों की। सब पार्टियों को मिलकर उस दिन भी हम कह दिए थे कि हम इंतजार कर रहे हैं।
भ्रष्टाचारियों की जमात वाले PM के बयान पर…
विपक्ष में भ्रष्टाचारियों के एकजुट होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर नीतीश ने कहा- क्या बोलते हैं, क्या नहीं बोलते हैं… यह उनकी आदत है। उसमें हमको क्या करना है? हमको कोई मतलब है! किसको-किसको वह बनाते हैं, देखते नहीं हैं! आप सब (मीडिया) लोगों को एकदम नियंत्रण में कर लिए हैं। इसलिए तारीफ होता है।
अटलजी की तारीफ कर नमो पर निशाना…सब लोग अपना ही तारीफ में लगे हुए हैं वहां। हम लोग उनकी तारीफ करते हैं। हमारी तारीफ कोई करता है? हम तो श्रद्धेय अटल जी का उस समय के काम की तारीफ करते हैं। उन्होंने कभी किसी से झगड़ा किया? हिंदू-मुस्लिम सब के पक्ष में एक साथ रहते थे। हम लोग उनकी तारीफ में बोलते रहते हैं। हम तो इन लोगों (भाजपा) के साथ कुछ सब कुछ किए। इन लोग (नरेंद्र मोदी) बाद में आकर क्या कर रहे हैं, यह जान रहे हैं न
तेजस्वी और राजद को लेकर क्या बोले-
हम तो अलग हो गए थे, जब इनपर (तेजस्वी) केस हो गया। हमको उधर (भाजपा के साथ) ले आए। फिर 5 साल में कुछ नहीं हुआ। फिर हमारे साथ (तेजस्वी) हो गए तो उनके ऊपर फिर हो रहा है। यह तो आप देख रहे हैं न। यह सब आप लोगों को देखना चाहिए।
अमित शाह का नाम लिए बगैर कह गए…हम लोग खाली विकास का काम करते हैं। जनहित में काम करते हैं। सबके हित में काम करते हैं। हम यह नहीं कहते हैं कि हम काम करते हैं इसलिए हमको वोट दो। हम कहते हैं कि करिए। हम लोग बिहार में जो इतना काम करते हैं, वह खबर नहीं रहता है। लेकिन, जो हमारे खिलाफ बोलता है तो वह खूब छपता है। हम तो हंसते रहते हैं। असल में कोई काम नहीं हो रहा है, खाली प्रचार हो रहा है। हमारे काम को आप लिखना भी चाहिएगा तो रोका जाएगा। हमको कोई भी मतलब नहीं है।
2025 में बिहार में भाजपा सरकार के दावे पर…
2025 में बिहार में चुनाव जीतकर भाजपाई सीएम के अणे मार्ग पहुंचने की बात के बहाने नीतीश कुमार ने कटाक्ष किया- ऐसी चीजों पर ध्यान भी नहीं देते हैं। कौन क्या-क्या बोलता है, उसका कोई वैल्यू है? उसका कोई कमेंट करके हम वैल्यू देंगे! हम यहां काम करते हैं। बाकी जनता मालिक है। जनता फैसला करेगी।
सम्राट चौधरी और उपेंद्र कुशवाहा पर बोले…
उपेंद्र कुशवाहा को आप जानते हैं ना। शुरू में साथ में था, उसको क्या बनाए। भाग गया फिर उसको लाकर बना दिया राज्यसभा में। फिर भाग गया। फिर आ गया। इस बार आया तो कहा कि अब हम कभी नहीं जाएंगे, लेकिन फिर भाग गया। कोई मतलब है! दूसरा आदमी (सम्राट चौधरी) का आप नाम ले रहे हैं। वह आरजेडी में था। वहां से छोड़ कर जेडीयू में चला आया। अब उधर है। कोई मतलब है!