जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि राजोरी जिले के ढांगरी में साल के पहले व दूसरे दिन हुए आतंकी हमलों को पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था सीमा पार से घुसपैठ में कमी आई है। कुछ घुसपैठ की घटनाएं राजोरी-पुंछ सेक्टर में हुई हैं। ऐसे ही एक ग्रुप ने ढांगरी में हमला किया है, जिसमें सात लोग मारे गए थे।
कठुआ जिला स्पोटर्स स्टेडियम में आयोजित नार्थ जोन पुलिस मार्टियर्स टी 20 क्रिकेट प्रतियोगिता के 11वें संस्करण के फाइनल मुकाबले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि घुसपैठ बढ़ी नहीं है। बहरहाल कोशिशें होती हैं। राजोरी पुंछ में कुछ ऐसे मामले हुए जहां कुछ लोगों ने घुसपैठ की ये वही थे जिन्होंने पाकिस्तान की मदद से ढांगरी की वारदात को अंजाम दिया और बेगुनाहों की जान ली।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस के समक्ष आतंक से भी बड़ी चुनौती नशा तस्करी और नशे की युवाओं में फैलाई जा रही लत है। हर जिले में बड़ी मुहिम चलाकर बहुत से तस्करी के मामलों को पकड़ा। कुछ केसों में ड्रग्स और हथियारों की तस्करी पाकिस्तान की ओर से आती है। ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए गए हैं। कुछ ऐसे भी मामले हैं जो एसआईए, एनआईए और कुछ एनसीबी के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बार्डर की ग्रिड को मजबूत करने के लिए कुछ और चौकियां खोली जा रही हैं। जल्द ही वो भी काम करना शुरू कर देंगी।
ढांगरी में साल के पहले दिन हुआ था हमलाः राजोरी जिले के ढांगरी
मेंइस वर्ष एक जनवरी को आतंकियों की फायरिंग में दो भाइयों समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो जनवरी की सुबह आईईडी धमाके में दो बच्चों की जान चली गई थी। हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इस मामले में अब तक एनआईए ने दो दर्जन लोगों के बयान दर्ज किए हैं। एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी भी राजोरी का दौरा कर लगातार मामले की जांच में जुटे हैं।