महाराष्ट्र कैबिनेट ने ‘महाराष्ट्र गौ सेवा आयोग’ के गठन को मंजूरी दे दी है। 17 मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में इसपर फैसला लिया गया। आयोग का पूरा फोकस गोमांस (बीफ) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने पर होगा। 2015 में इसको लेकर कानून भी बन चुका है। अब उस कानून का सख्ती से पालन कराने का काम भी यही आयोग करेगी।
पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘महाराष्ट्र गौ सेवा आयोग’ पशुधन के पालन की निगरानी करेगा और यह आकलन करेगा कि उनमें से कौन अनुत्पादक है और दूध देने, प्रजनन करने और कृषि कार्य करने आदि के लिए अनुपयुक्त है। मंत्रिमंडल ने आयोग की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि को भी मंजूरी दी है। एक वैधानिक निकाय के रूप में इसके गठन के लिए एक मसौदा विधेयक इस सप्ताह राज्य विधानमंडल के समक्ष रखे जाने की संभावना है।