राष्ट्रपति बाइडन की सलाहकार उप-समिति ने अमेरिकी सरकार से च1-बी वीजा धारी कर्मचारियों के लिए मौजूदा अनुग्रह अवधि (Grace Period) 60 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि अवधि बढ़ाने की सिफारिश इसलिए की जा रही है ताकि जिन कर्मचारियों की नौकरी गई है, उनको नई नौकरी खोजने के पर्याप्त अवसर हों सकें।
एशियाई अमेरिकी, मूल हवाई वासी और प्रशांत द्वीप के लोगों से जुड़े मामलों पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग के सदस्य अजय जैन भुटोरिया ने मंगलवार को कहा कि आव्रजन उप-समिति ने गृह सुरक्षा मंत्रालय और अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) को उन एच1-बी वीजा धारी कर्मचारियों के लिए अनुग्रह अवधि 60 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की सिफारिश की है, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है।
भुटोरिया ने नौकरी से निकाले गए एच1-बी कर्मचारियों के समक्ष पेश होने वाली चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा 60 दिन की अवधि पर्याप्त नहीं है और इस दौरान कई समस्याएं पेश आती हैं, जिसमें कम समय सीमा के भीतर नई नौकरी खोजना, एच1-बी के दर्जे को बदलने की जटिल कागजी कार्रवाई और यूएससीआईएस की प्रक्रिया में देरी शामिल है।
उन्होंने सलाहकार आयोग के सदस्यों से कहा, इसके परिणामस्वरूप, कई एच1-बी श्रमिकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए कुशल श्रम का नुकसान हो सकता है।
भूटोरिया ने अत्यधिक कुशल तकनीकी कर्मचारियों का समर्थन करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए अनुग्रह अवधि के विस्तार की पुरजोर वकालत की, उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं। आगे उन्होंने कहा कि विस्तार से प्रभावित कर्मचारियों को नए रोजगार के अवसर खोजने और अपनी एच1-बी स्थिति को स्थानांतरित करने की जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया को नेविगेट करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
गृह सुरक्षा मंत्रालय और अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) से की गई सिफारिश में कहा गया है कि उन लोगों को रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज (ईएडी) और यात्रा दस्तावेज प्रदान किए जाएं, जिनकी ईबी-1, ईबी-2, ईबी-3 श्रेणियों में आई-140 रोजगार-आधारित वीजा याचिकाओं को मंजूरी दी गई है और जो वीजा के लिए पांच या अधिक वर्षों से इंतजार कर रहे हैं, भले ही उन्होंने स्थिति के समायोजन के लिए आवेदन दायर किया हो।