नई दिल्ली, 26 जनवरी 2025, रविवार। 76वें गणतंत्र दिवस परेड में देश की विविधता का अद्भुत प्रदर्शन हुआ। रंग-बिरंगे परिधान पहने 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने कर्तव्य पथ पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन पर मार्च किया और परेड की शुरुआत की। ये कलाकार देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे और लोकसंगीत से जुड़े वाद्ययंत्र बजा रहे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की उपस्थिति में कलाकारों ने अपने वाद्ययंत्रों के स्वदेशी मिश्रण से निकलने वाली धुन से कार्तव्य पथ को गुंजायमान कर दिया। वाद्ययंत्रों में शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, रणसिंघा, बांसुरी, कराडी माजलू, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, गोंग, निशान, चांग, ताशा, संबल, चेंडा, इदक्का, लेज़िम, थाविल, गुदुम जैसे विविध वाद्ययंत्र शामिल थे।
यह परेड देश की एकता और विविधता का प्रतीक थी, और इसमें भाग लेने वाले कलाकारों ने अपनी प्रतिभा और संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन किया।