नई दिल्ली , 10 नवंबर 2024, रविवार। गाजियाबाद जिला महिला अस्पताल में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां प्रसव पूर्व जांच और काउंसिलिंग के दौरान चार साल में 68 महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिली हैं। इनमें से 20 ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि संक्रमण की वजह टैटू बनवाना रही।
महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सड़क किनारे टैटू बनाने वाले लोगों से टैटू बनवाया था, जिसके बाद ही तबीयत बिगड़नी शुरू हुई और एचआईवी के लक्षण नजर आए। अस्पताल की एचआईवी काउंसलर उमा सिंह ने बताया कि हर साल 15 से 20 महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिल रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि टैटू बनवाने में 0.3 प्रतिशत संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। यदि सुई किसी संक्रमित के खून के संपर्क में आई है तो इससे दूसरे व्यक्ति में ट्रासफ्यूजन का खतरा बना रहता है।