सुलतानपुर, 13 जून 2025: सुलतानपुर की स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने 14 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के दोषी 65 वर्षीय मो. अख्तर को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। स्पेशल जज नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने गुरुवार को यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट और अभियोजन की तत्परता के कारण यह फैसला घटना के मात्र 16 महीने के भीतर आ गया। मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है।
पीड़िता के पिता के अनुसार, 11 फरवरी 2024 को उनकी पत्नी मायके गई थीं और वह स्वयं काम पर गए थे। इसी दौरान पीड़िता की बुआ के ससुर मो. अख्तर ने उनके घर पहुंचकर पानी मांगा। रिश्तेदार होने के नाते पीड़िता ने उस पर भरोसा किया और उसके साथ चली गई। आरोपी ने किशोरी को बहला-फुसलाकर जंगल की ओर ले जाकर दुष्कर्म की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में मामले का ट्रायल चल रहा था। अपराध की गंभीरता के कारण आरोपी को जमानत नहीं मिली। ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने मो. अख्तर को बेकसूर बताने की कोशिश की, लेकिन विशेष लोक अभियोजक रमेशचन्द्र सिंह ने अपराध को अत्यंत गंभीर, घिनौना और समाज विरोधी करार देते हुए कठोर सजा की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।
यह सजा किशोरियों के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए कड़ा संदेश है। कोर्ट के इस त्वरित और सख्त फैसले से अपराधियों में दहशत है। रिश्ते को कलंकित करने वाले मो. अख्तर को अब अपनी जिंदगी सलाखों के पीछे काटनी होगी।