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Tuesday, June 24, 2025

आईएआरआई का 63वाँ दीक्षांत समारोह: कृषि क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता का जश्न

नई दिल्ली, 22 मार्च 2025, शनिवार। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), जिसे हरित क्रांति का सूत्रधार माना जाता है, ने अपनी शानदार शोध, शिक्षा और विस्तार गतिविधियों के दम पर देश में कृषि उत्पादन और उत्पादकता को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। आज, 22 मार्च 2025 को नई दिल्ली के भारत रत्न सी. सुब्रमणियम हॉल में संस्थान ने अपना 63वाँ दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया। इस खास मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल रूप से मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। समारोह में कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और रामनाथ ठाकुर, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईएआरआई के निदेशक डॉ. च. श्रीनिवास राव सहित कई सम्मानित हस्तियाँ, छात्र, किसान और वैज्ञानिक शामिल हुए।
अपने प्रेरक संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने स्नातक और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को शुभकामनाएँ दीं और वैज्ञानिकों के नवाचारों की जमकर तारीफ की। उन्होंने गर्व से कहा कि भारत की कृषि विकास दर 5% है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे बेहतरीन है। “छात्र अनंत संभावनाओं का खजाना हैं,” उन्होंने जोश के साथ कहा, “उन्हें अपनी सकारात्मक ऊर्जा से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।” मंत्री महोदय ने आईएआरआई और मेहनती किसानों की बदौलत देश के अन्न भंडारों को समृद्ध बनाने की बात कही। उन्होंने छात्रों से भारतीय कृषि की चुनौतियों का समाधान खोजने, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने, कृषि स्टार्टअप शुरू करने और प्राकृतिक खेती पर जोर देने का आह्वान किया। वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर भारत को कृषि का सिरमौर बनाने के लिए अनुसंधान को और मजबूत करने की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया।
श्री चौहान ने शिक्षा के साथ कौशल के महत्व को रेखांकित करते हुए छात्रों को कृषि उद्यमिता और स्टार्टअप की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि भारत में ज्यादातर किसान लघु और सीमांत हैं, इसलिए ऐसे नवाचार जरूरी हैं जो उनकी आय को दोगुना करें। सतत खेती, जलवायु-लचीली तकनीकें, और जैविक खेती को बढ़ावा देने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि आईएआरआई की तकनीकों को प्रयोगशालाओं से खेतों तक तेजी से पहुँचाना होगा। इसके साथ ही, उन्होंने कृषि यंत्रों, स्मार्ट फार्मिंग और डिजिटल तकनीकों को अपनाने की सलाह दी।
इस समारोह में राज्य मंत्रियों ने 5 एम.एससी. और 5 पीएचडी छात्रों को मेरिट मेडल से नवाजा। आईएआरआई बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड (नाबार्ड)-2024 एंटोमोलॉजी विभाग के पीएचडी छात्र रुद्र गौड़ा को मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ एम.एससी. छात्रा का पुरस्कार एग्रोनॉमी विभाग की सुश्री स्नेहा भारद्वाज ने हासिल किया। डॉ. एच.के. जैन मेमोरियल यंग साइंटिस्ट अवार्ड जेनेटिक्स विभाग के डॉ. विग्नेश मुथुसामी को और 28वाँ हुकर पुरस्कार डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्रा को प्रदान किया गया। नाबार्ड रिसर्चर ऑफ द ईयर-2024 का सम्मान डॉ. गिरीश सिंह महरा को मिला। कुल 399 छात्रों को डिग्रियाँ दी गईं, जिनमें विदेशी छात्र भी शामिल थे।
समारोह का एक और आकर्षण रहा गेहूं, मक्का, चना, मूंग और आम की नई किस्मों का विमोचन, साथ ही तीन प्रमुख प्रकाशनों का लोकार्पण। यह आयोजन न सिर्फ शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि भारतीय कृषि के उज्ज्वल भविष्य की एक झलक भी पेश करता है।

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