जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक: कर दरों में बदलाव, व्यापार सुगमता पर जोर

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नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025: जीएसटी परिषद ने अपनी 56वीं बैठक में आम आदमी, मध्यम वर्ग और व्यापारियों को राहत देने के लिए कई अहम फैसले लिए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 3 सितंबर को सुषमा स्वराज भवन में हुई इस बैठक में जीएसटी दरों में बदलाव, व्यापार सुगमता और प्रक्रिया सुधार जैसे मुद्दों पर सिफारिशें की गईं।

जीएसटी दरों में परिवर्तन

परिषद ने वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में संशोधन को मंजूरी दी। वस्तुओं के लिए एचएसएन और क्षेत्रवार दरों में बदलाव अनुलग्नक-I और II में, जबकि सेवाओं के लिए अनुलग्नक-III और IV में उल्लिखित हैं। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे। हालांकि, पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, ज़र्दा, अनिर्मित तंबाकू और बीड़ी पर मौजूदा दरें तब तक लागू रहेंगी, जब तक क्षतिपूर्ति उपकर खाते के तहत ऋण और ब्याज भुगतान की देनदारियां पूरी नहीं हो जातीं। इन वस्तुओं की संशोधित दरों की तारीख बाद में तय की जाएगी।

परिषद ने पान मसाला, गुटखा और सिगरेट जैसे उत्पादों पर जीएसटी को लेनदेन मूल्य के बजाय खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) पर लगाने का निर्णय लिया। साथ ही, राष्ट्रपति सचिवालय के लिए आयातित बख्तरबंद सेडान कार को आईजीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर से छूट दी गई।

सेवाओं पर जीएसटी में स्पष्टीकरण

रेस्तरां सेवाओं के लिए ‘निर्दिष्ट परिसर’ की परिभाषा में स्पष्टीकरण जोड़ा गया है। अब स्टैंड-अलोन रेस्तरां ‘निर्दिष्ट परिसर’ घोषित नहीं कर सकेंगे और न ही 18% जीएसटी दर के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का विकल्प चुन सकेंगे। लॉटरी टिकटों के मूल्यांकन नियमों में भी बदलाव की सिफारिश की गई।

व्यापार सुगमता और प्रक्रिया सुधार

परिषद ने व्यापार को आसान बनाने के लिए कई उपायों की सिफारिश की, जिनका विवरण अनुलग्नक-V में है। इन सुधारों की अधिसूचना बाद में जारी होगी। साथ ही, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) जोखिम आधारित अनंतिम रिफंड की संशोधित प्रणाली को लागू करेगा, जिसमें उलटे शुल्क ढांचे से उत्पन्न 90% रिफंड प्रदान किया जाएगा।

जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण जल्द शुरू

वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) सितंबर 2025 के अंत तक अपील स्वीकार करना शुरू कर देगा और दिसंबर 2025 से सुनवाई शुरू होगी। लंबित अपीलों के लिए 30 जून 2026 तक की समय सीमा तय की गई है। जीएसटीएटी की प्रधान पीठ अग्रिम निर्णयों के लिए राष्ट्रीय अपीलीय प्राधिकरण के रूप में भी काम करेगी। यह कदम विवाद समाधान, पारदर्शिता और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न जारी

जीएसटी से संबंधित शंकाओं के समाधान के लिए परिषद ने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) जारी करने का भी निर्णय लिया। ये कदम जीएसटी व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

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