चीन के साथ लद्दाख में टकराव में कमी नहीं आने और सर्दियों में तापमान में भारी गिरावट को देखते हुए भारतीय सेना ने यहां तैनात हजारों सैनिकों के लिए आधुनिक आवास की व्यवस्था की है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए हजारों सैनिक तैनात हैं और मई से ही पोजीशन संभालने हुए हैं।
भारतीय सैनिक जिन इलाकों में तैनात हैं उनमें से कुछ जगहों पर तापमान -40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इसके अलावा अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में 30 से 40 फीट तक बर्फबारी हो सकती है। एक अधिकारी ने बताया, ”सालों से यहां बनाए जा रहे समुचित व्यवस्थाओं वाले स्मार्ट कैंप्स के अलावा आधुनिक आवासीय प्रबंध भी किए गए हैं, जिनमें बिजली, पानी, हिटिंग फैसिलिटी, हेल्थ और हाइजीन का अच्छा ध्यान रखा गया है। सैनिकों को किसी चीज का अभाव नहीं है और वे किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।”
बुधवार को एलओसी से कुछ तस्वीरें मिली हैं, जिनमें सेना की ओर से बनाए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर दिख रहे हैं। इन्हें अंग्रिम पंक्ति में तैनात सैनिकों की मदद के लिए बनाए गए हैं। सीमा पर तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन में सैन्य कमांडर्स स्तर की कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन जमीन पर अभी कोई बदलाव नहीं आया है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ”सामरिक तैनाती के मुताबिक अग्रिम पंक्ति के सैनिकों की व्यवस्था गर्म टेंट्स में भी की गई है। आपातकाल के लिए पर्याप्त नागरिक ढांचाओं को भी चिह्नित किया गया है।” एलओसी पर तैनात सैनिकों को
लॉजिस्टिक्स सपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए भारत ने काफी प्रयास किए हैं। इनमें अमेरिका से गर्म कपड़े मंगाना भी शामिल है। भारत ने अमेरिका से 15 हजार से अधिक एक्सटेंडेंट वेदर क्लोदिंग सिस्टम आयात किए हैं।
भारतीय सेना और पीएलए के बीच एलओसी पर टकराव वाले स्थानों से तनाव कम करने के लिए आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। पिछली बार 6 नवंबर को हुई बातचीत में दोनों पक्षों ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि अग्रिम पंक्ति के सैनिक संयम बनाए रखें और गलतफहमी और गलत आकलन से बचें। उन्होंने जल्द ही कॉर्प्स कमांडर स्तर पर नौवें दौर की बातचीत पर भी सहमति जताई, लेकिन इसके लिए कोई तारीख नहीं निर्धारित की गई है।