नई दिल्ली, 2 जून 2025, सोमवार: कैप्टन इब्राहिम ट्रोरे, मात्र 36 वर्ष की उम्र में, पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के राष्ट्रपति बनकर दुनिया के सबसे युवा नेताओं में से एक बन गए हैं। सितंबर 2022 में एक तख्तापलट के जरिए उन्होंने अंतरिम राष्ट्रपति पॉल-हेनरी सैंडाओगो दामिबा को सत्ता से हटाकर नेतृत्व संभाला।
ट्रोरे ने अपनी मास्टर्स की डिग्री पूरी करने के बाद सेना में कदम रखा और तेजी से अपनी पहचान बनाई। उनकी प्रेरणा का स्रोत हजरत बिलाल (रजि.) हैं, जिन्हें वे अपना रोल मॉडल मानते हैं।
ट्रोरे ने अपने देश की विदेश नीति में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन सहित सभी नाटो देशों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए रूस के साथ नजदीकी बढ़ाई है। उनका कहना है कि बुर्किना फासो को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे संगठनों की मदद की जरूरत नहीं। वे अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने और जनता को कर्ज के बोझ से मुक्त रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
खास बात यह है कि ट्रोरे आज भी अपने मेजर के वेतन पर ही अपने खर्च चलाते हैं, जो उनकी सादगी और देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
इसके अलावा, ट्रोरे ने सऊदी अरब के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसमें देश में 200 मस्जिदों के निर्माण की बात थी। श्रीलंका गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सऊदी अरब से आग्रह किया कि मस्जिदों के बजाय स्कूल, अस्पताल और रोजगार सृजन करने वाले व्यवसायों में निवेश किया जाए, ताकि देश की बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें। उनका कहना है कि बुर्किना फासो में पहले से ही पर्याप्त मस्जिदें हैं।
ट्रोरे का यह दृष्टिकोण न केवल उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि उनके देश को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति को भी उजागर करता है।