मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर अपने भाषणों में गोरखपुर की पहले की छवि को लेकर चर्चा करते हुए दिखते हैं। जहां पहले की सरकारों में गोरखपुर की पहचान माफिया, गन्दगी और बदहाल सड़कों से थी, उसी गोरखपुर में पिछले कुछ वर्षों में, इतना बड़ा परिवर्तन आया है कि यह अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक नए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरने लगा है।
पर्यटन से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के विकास ने इस शहर को हॉस्पिटैलिटी का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया है। यहाँ फाइव स्टार होटलों की एक नई श्रृंखला, 7-डी थिएटर वाला चिड़ियाघर, प्राकृतिक झीलों का पुनर्विकास, जल साहसिक गतिविधियाँ, और क्रूज-फ्लोटिंग रेस्टोरेंट जैसी सुविधाएँ गोरखपुर के पर्यटन विकास का प्रतीक बन गई हैं।
फाइव स्टार होटलों का नया आकर्षण
कभी माफिया और अपराध के गढ़ के नाम से बदनाम रहे इस शहर में अब बाहर से लोग आने से हिचकते नहीं हैं। आज यहां तीन प्रमुख फाइव स्टार होटल – रैडिसन ब्लू, मैरियट और रमाडा – पर्यटकों के लिए खुले हैं, जहां की सेवाओं का लुत्फ उठाने के लिए लोग कतारों में रहते हैं। आने वाले समय में होटल ताज और हॉलिडे इन की भी सेवाएं यहां पर्यटकों को मिलनी शुरू हो जाएंगी।
गोरखपुर का भौगोलिक महत्व भी इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाता है। यह शहर बौद्ध सर्किट के केंद्र में स्थित है। सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु और लुंबिनी जैसे बौद्ध तीर्थ स्थलों पर जाने वाले अधिकांश पर्यटक गोरखपुर के रास्ते ही आते हैं।
कुछ साल पहले तक यहां का हॉस्पिटैलिटी सेक्टर बहुत पीछे था, लेकिन अब यह सेक्टर तेजी से उभर रहा है। इस विकास के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि अब पर्यटकों के लिए गोरखपुर में रुकने और समय बिताने के आकर्षण उपलब्ध हो गए हैं।
पर्यटन स्थलों का विकास और इको टूरिज्म की शुरुआत
लंबे समय तक गोरखपुर में सबसे ज्यादा पर्यटक गोरखनाथ मंदिर की ओर आकर्षित होते थे। लेकिन अब इस मंदिर के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों का भी विकास हो चुका है।
रामगढ़ताल और गोरखपुर का चिड़ियाघर अब नए पर्यटन केंद्र बनकर उभरे हैं। गोरखपुर में पर्यटन विकास की सबसे बड़ी मिसाल रामगढ़ताल का कायाकल्प है। यह ताल, जो कभी उपेक्षा और गंदगी का प्रतीक था, आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है।
रामगढ़ताल में पर्यटकों के लिए आकर्षक नावों की सवारी, वॉटर पैरासेलिंग और क्रूज का आनंद लिया जा सकता है। मुंबई और गोवा जैसे अनुभव अब गोरखपुर में भी संभव हो गए हैं।
पर्यटन विभाग ने रामगढ़ताल के पास एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी तैयार किया है। यह उत्तर प्रदेश का पहला सार्वजनिक वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है, जहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का सफल आयोजन हो चुका है।
गोरखपुर में इको टूरिज्म की भी शुरुआत हो चुकी है। शहीद अशफाक उल्ला खां के नाम पर बने चिड़ियाघर में दुर्लभ वन्य जीवों को देखने के लिए पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों से लोग आ रहे हैं। इसके साथ ही यहां का 7-डी थिएटर पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है।
चिड़ियाघर के साथ-साथ गोरखपुर वन प्रभाग के अंतर्गत कैम्पियरगंज रेंज में दुनिया का पहला राजगिद्ध (जटायु) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र भी शुरू हो चुका है।
यह विकास गोरखपुर को पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है, जिससे न केवल शहर की छवि बदल रही है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।