लखनऊ, 30 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश में जनगणना 2027 की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गई हैं। 1 फरवरी से 28 फरवरी 2027 तक होने वाली इस जनगणना में “जो जहां रहेगा, वहीं गिना जाएगा” के सिद्धांत को अपनाया जाएगा। चाहे जेल में बंद कैदी हों या अस्पताल में भर्ती मरीज, सभी की गिनती उनकी वर्तमान लोकेशन पर होगी।
जिलाधिकारियों (डीएम) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (वित्त) को जिला जनगणना अधिकारी बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तहसीलदार और शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी (ईओ) चार्ज अधिकारी की भूमिका निभाएंगे। सभी अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिसमें निदेशक (जनगणना) शीतल वर्मा और विशेष कार्याधिकारी राजकुमार द्विवेदी ने मास्टर ट्रेनर की जिम्मेदारी निभाई।
31 दिसंबर 2026 तक परिवारों का चिह्नांकन और कर्मियों की ड्यूटी निर्धारित की जाएगी। यह जनगणना डिजिटल तकनीक के साथ सटीक और पारदर्शी तरीके से संपन्न होगी, जो देश का सबसे बड़ा आंकलन होगा।