नई दिल्ली, 11 मई 2025, रविवार: इस बार गर्मी के तीखे तेवर देश को झुलसाने को तैयार हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 2025 भारत के इतिहास में सबसे गर्म साल हो सकता है। उत्तर-पश्चिमी राज्यों—हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली—में लू (हीटवेव) के दिन इस बार दोगुने होने की आशंका है। जहां आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच 5-6 दिन लू का प्रकोप रहता है, वहीं इस बार 10-12 दिनों तक लगातार तपिश झेलनी पड़ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो पारा सामान्य से 5 डिग्री या उससे भी ज्यादा चढ़ सकता है, जो इंसान, प्रकृति और अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकता है।
2024 की गर्मी थी झांकी, 2025 लाएगा असली आग!
पिछला साल यानी 2024 पहले ही गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ चुका था। पूरे देश में 554 हीटवेव डे दर्ज किए गए थे। लेकिन यहाँ एक पेच है—हीटवेव डे का मतलब कैलेंडर के दिन नहीं, बल्कि अलग-अलग राज्यों में लू की कुल घटनाएं हैं। उदाहरण के लिए, अगर दिल्ली में 10 दिन, राजस्थान में 15 दिन, उत्तर प्रदेश में 12 दिन और बिहार में 8 दिन लू चली, तो कुल 45 हीटवेव डे गिने जाएंगे। इसी तरह, 2024 में 554 हीटवेव डे का मतलब है कि देश भर में लू की घटनाएं इस संख्या तक पहुंचीं। लेकिन 2025 में यह आंकड़ा और भयावह हो सकता है।
क्यों बढ़ रही है गर्मी?
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अल नीनो जैसे मौसमी पैटर्न इस भीषण गर्मी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। बढ़ता तापमान न सिर्फ शहरों को भट्टी में तब्दील करेगा, बल्कि खेती, पानी की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी गहरा असर डालेगा। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां कूलिंग सुविधाएं सीमित हैं, हालात और गंभीर हो सकते हैं।
क्या करें तैयारी?
मौसम विभाग ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितने दिन लू का असर रहेगा, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। गर्मी से बचने के लिए पहले से तैयारी शुरू कर दें—खूब पानी पिएं, हल्के कपड़े पहनें, दोपहर में बाहर निकलने से बचें और घरों में वेंटिलेशन का ध्यान रखें। सरकार को भी चाहिए कि हीटवेव से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करे, जैसे शहरी क्षेत्रों में कूलिंग सेंटर स्थापित करना और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाना।
आखिरी बात:
2025 की गर्मी सिर्फ मौसम की बात नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि हमें पर्यावरण के प्रति और जिम्मेदार होना होगा। अगर हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो आने वाले साल और सुलगते चले जाएंगे। तो, इस बार गर्मी से बचें, लेकिन भविष्य को ठंडा रखने के लिए भी सोचें!