नई दिल्ली, 7 जनवरी 2025, मंगलवार। 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार और बलवान खोखर की याचिकाओं पर जुलाई में सुनवाई करने का फैसला किया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया है। इस मामले में सज्जन कुमार और बलवान खोखर ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि बलवान खोखर को 3 साल की सजा हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि अंतिम सुनवाई निर्धारित समय पर नहीं हो पाती है, तो याचिकाकर्ताओं को कोर्ट से सजा के निलंबन की प्रार्थना पर विचार करने का अनुरोध करने की स्वतंत्रता होगी। यह फैसला 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। बता दें, इससे पहले भी सज्जन कुमार कई बार सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोर्ट ने इससे मना किया है। 2021 में सज्जन ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भी ज़मानत याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपने खर्चे पर गुरुग्राम के मेदांता हस्पताल में इलाज की भी अनुमति मांगी थी। लेकिन 3 सितंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था, आप जघन्य अपराध के दोषी हैं। वीआईपी सुविधा की उम्मीद मत कीजिए। अगर जेल अधिकारियों और डॉक्टरों को जरूरी लगेगा तो वह आप को अस्पताल ले जाएंगे।