निकोसिया, 17 जून 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से सम्मानित किया गया है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने सोमवार को निकोसिया में आयोजित एक भव्य समारोह में पीएम मोदी को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने वैश्विक शांति का आह्वान करते हुए कहा, “यह युद्ध का युग नहीं है। हमें शांति, सहयोग और सतत विकास के लिए मिलकर काम करना होगा।” यह सम्मान भारत और साइप्रस के बीच मजबूत कूटनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
यह पीएम मोदी का 23वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, जो विश्व मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव और उनके दूरदर्शी नेतृत्व को रेखांकित करता है। साइप्रस के इस सम्मान से पहले सऊदी अरब, रूस, अमेरिका, फ्रांस, यूएई, भूटान, श्रीलंका, मॉरीशस सहित 22 देश उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाज चुके हैं। यह उपलब्धि भारत के किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री की तुलना में अभूतपूर्व है और वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक ताकत, रणनीतिक स्पष्टता और कूटनीतिक दृढ़ता को दर्शाती है।
वैश्विक मंच पर भारत का दबदबा
प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल को वैश्विक कूटनीति में भारत के लिए स्वर्णिम युग के रूप में देखा जा रहा है। विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी की सक्रिय और समावेशी कूटनीति ने भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। साइप्रस के राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, “मोदी जी का नेतृत्व न केवल भारत, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए प्रेरणादायक है।” उन्होंने भारत-साइप्रस संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
ऑर्डर ऑफ मकारियोस III का महत्व
‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान है, जो देश के प्रथम राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस तृतीय की स्मृति में प्रदान किया जाता है। यह नाइटहुड सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने विश्व शांति, सहयोग और कूटनीति में असाधारण योगदान दिया हो। पीएम मोदी ने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों की उपलब्धि करार देते हुए कहा, “यह सम्मान भारत की एकता, प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती साख का प्रतीक है।”
23 देशों से मिला सम्मान
पीएम मोदी को अब तक 23 देशों ने अपने सर्वोच्च सम्मानों से नवाजा है, जो उनकी वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है। इनमें शामिल हैं- सऊदी अरब का ‘ऑर्डर ऑफ अब्दुल अजीज अल साउद’ (2016), रूस का ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ (2019), अमेरिका का ‘लीजन ऑफ मेरिट’ (2020), फ्रांस का ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ (2023), और हाल ही में श्रीलंका का ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ (2025)। यह सूची भारत की कूटनीतिक सफलता और पीएम मोदी के व्यक्तिगत प्रभाव को दर्शाती है।
भारत-साइप्रस संबंधों को नई ऊंचाई
साइप्रस की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, निवेश, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर दिया। दोनों देशों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने साइप्रस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारी साझेदारी शांति और समृद्धि के साझा लक्ष्यों पर आधारित है।”
विश्व में भारत की नई पहचान
पीएम मोदी की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत नेतृत्व, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक हैसियत को भी दर्शाती है। उनके कार्यकाल में भारत ने जी-20, ब्रिक्स और क्वाड जैसे मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल अर्थव्यवस्था और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत की राय को अब गंभीरता से सुना जाता है।
साइप्रस का यह सम्मान एक बार फिर साबित करता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल ‘विश्व गुरु’ की ओर अग्रसर है, बल्कि वैश्विक शांति और सहयोग का ध्वजवाहक भी बन रहा है।