रायपुर, 12 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और नारायणपुर जिलों में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता ने नक्सल उन्मूलन अभियान को नई गति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों की वीरता की सराहना करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों की बहादुरी और जनता के विश्वास ने नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की ताकत प्रदान की है।
गरियाबंद जिले के घने जंगलों में हुई मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सली मारे गए हैं। इनमें एक करोड़ रुपये के इनामी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओइस्ट) की केंद्रीय समिति सदस्य मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने इसे नक्सल उन्मूलन के इतिहास में ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी गोलीबारी का सामना किया, लेकिन किसी जवान को नुकसान नहीं पहुंचा।
इसी बीच, नारायणपुर जिले में नक्सलियों के बीच आत्मसमर्पण का दौर चल रहा है। जनताना सरकार के सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष सहित कुल 16 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए। इन सभी ने समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। आत्मसमर्पण करने वालों को सरकारी योजना के तहत पुनर्वास सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री साय ने यहां जारी बयान में कहा, “ये घटनाएं नक्सलियों की झूठी विचारधारा के पतन का स्पष्ट प्रमाण हैं। छत्तीसगढ़ में विश्वास, विकास और शांति की नई सुबह हो रही है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व का जिक्र करते हुए जोर दिया कि मार्च 2026 तक ‘नक्सलमुक्त भारत’ का संकल्प पूर्ण रूप से साकार हो जाएगा। राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज कर रही है, ताकि युवा मुख्यधारा से जुड़ सकें।
इस सफलता पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी बधाई दी है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में 200 से अधिक नक्सली मारे गए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो नक्सलवाद के खिलाफ अभियान की मजबूती को दर्शाता है। राज्य में नक्सल प्रभावित जिलों में सड़क, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार जारी है, जो आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित कर रहा है।