हरिद्वार में 2021 में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हर वर्ष यह मेला चार साल का होता है, लेकिन इस वर्ष केवल दो महीने चलेगा। कारण कोविड-19 है। दरअसल सरकार को कोविड-19 के मद्देनज़र अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रहते हुए स्नान कर सकें।
अब जब कुंभ मेले के लिए बेहद कम समय बचा है तो राज्य सरकार हरिद्वार में चल रहे स्थायी और अस्थायी कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कह रही है। हालांकि, अभी तक की स्थिति की बात करें तो तमाम कार्य ऐसे हैं जो लगभग पूरे हो चुके हैं। कुछ बड़े निर्माण कार्य अभी भी जारी हैं जिन्हें 31 जनवरी से पहले-पहले पूरा करने का निर्णय लिया गया है।
एलईडी पर प्रसारित होगी गंगा आरती
प्रदेश सरकार कुंभ मेला और हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती को प्रसारित करने के लिए शहर भर में एलईडी लगा रही है। इसके माध्यम से हरकी पैड़ी तक न पहुंच पाने वाले श्रद्धालु अपने आसपास में लगे एलईडी के माध्यम से आरती देख पाएंगे। इसके साथ ही एलईडी पर कुंभ मेला क्षेत्र की गतिविधियों को भी प्रसारित किया जाएगा।
आमतौर पर हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ इस बार मात्र 11 साल बाद ही आयोजित हो रहा है। हालांकि, हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला देश के अन्य क्षेत्रों में आयोजित होने वाले सभी कुंभ से अधिक समय के लिए आयोजित किया जाता रहा है। क्योंकि हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला करीब 4 महीने का होता है लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते यह मात्र 2 महीने में ही सिमट गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए 15 फरवरी को महाकुंभ मेले संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही महाकुंभ मेला की शुरुआत होगी। ऐसे में अप्रैल के अंत तक चलने वाला महाकुंभ मेला मात्र 2 महीने में ही सिमट जाएगा। यही वजह है कि राज्य सरकार हरिद्वार को पूरी तरह से चमकाने पर जुटी हुई है।
500 बसें रिजर्व रखी जाएंगी
इधर, कुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए तमाम विभाग अपने-अपने स्तर से कवायद में जुटे हुए हैं। उत्तराखंड परिवहन निगम ने भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। भेजे गए प्रस्ताव के तहत कुंभ में होने वाले मुख्य स्नान से एक दिन पहले से ही 500 बसें रिजर्व रखी जाएंगी। मुख्य स्नान के दिन इन बसों को छोड़ दिया जाएगा, ताकि अपने गंतव्य को वापस जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो और उन्हें समय पर बस उपलब्ध हो सके। हालांकि कुंभ में छह मुख्य स्नान होने हैं। ऐसे में इन छह मुख्य स्नान से एक-एक दिन पहले करीब 500 बसों को रिजर्व रखा जाएगा।
4000 करोड़ रुपए का खर्च
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दस्तक से पहले कुंभ की तैयारियों के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपये खर्च करने का रोड मैप तैयार किया गया था। जिसके तहत मेला क्षेत्र का विस्तार करने की कार्य योजना थी। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दस्तक के बाद स्थितियां स्पष्ट ना होने के चलते मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं में आने वाला खर्च 800 करोड़ रुपए तक सिमट गया है।
उत्तराखंड सरकार ने कुम्भ के लिए किये जा रहे स्थाई प्रकृति के सभी कार्यों को 31 दिसम्बर तक और इसके साथ कुंभ से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को 31 जनवरी, 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है। कुंभ मेले के तहत विभिन्न विभागों के स्तर पर 473 करोड़ की लागत के 124 निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। इन्हें 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जायेगा। वहीं, सरकार हरिद्वार क्षेत्र में 9 नए घाटों और 8 पुलों व सड़कों का निर्माण कर रही है। इनमें से हर की पैड़ी में तीन अस्थाई घाट बन रहे हैं, जो लगभग बनकर तैयार हो गये हैं।
इसके अतिरिक्त छह अन्य घाटों का निर्माण कार्य जारी है जो इस महीने के अंत तक पूरे कर लिये जाएंगे। इसके साथ ही हरिद्वार क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं 8 पुलों में से 3 पुल पूरी तरह से कंप्लीट हो गए हैं जिस पर आवाजाही भी शुरू हो गई है। बाकी बचे 5 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। 31 जनवरी से पहले पहले इनका काम पूरा कर आवाजाही शुरू हो जाएगी।
कुंभ मेला की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने अपनी रणनीतियां तैयार कर ली हैं। इसके तहत कुंभ मेला क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत 6 जोन, 24 सेक्टर, 21 थानों, 9 पुलिस लाइन, 23 पुलिस चैकी, 25 चेक पोस्ट के साथ ही आवश्यकतानुसार राज्य व केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती की व्यवस्था की जा रही है। पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा।