स्मार्ट मीटर से अधिक बिजली बिल और विभाग के कर्मचारियों की मनमानी के खिलाफ काशी में संतों ने आमरण अनशन शुरू किया है। गुरुवार को श्री वैष्णव विरक्त संत समाज के तत्वावधान में अनशन पर बैठे पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद के पीठाधीश्वर महंत बालक दास की तबीयत बिगड़ने लगी। महंत की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने पर योगी सरकार में मंत्री नीलकंठ तिवारी भी मिलने पहुंचे। मंत्री ने संत का हालचाल लेने के साथ ही व्यवस्था में सुधार का आश्वासन देते हुए अनशन समाप्त करने की अपील की।
महंत ने चेताया है कि जब तक बिजली विभाग के कर्मचारी व अधिकारी अपना रवैया नहीं सुधारेंगे और बिजली बिल की गड़बड़ी को दूर नहीं करेंगे तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उधर, बुधवार से ही नरहरपुरा स्थित पातालपुरी मठ में काशी के संतों के आक्रोश के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के आला अधिकारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के माथे पर भी बल आने लगा है।
संतों के इस गुस्से को देखते हुए पूर्वाचल निमग के प्रबंध निदेशक डा. सरोज कुमार खुद बुधवार की देर शाम महंत बालक दास से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने अधीनस्थों को जमकर फटकार भी लगाई और संतों से कुशल व्यवहार के निर्देश दिया। संतों ने आरोप लगाया है कि सरकार तो संतों या अन्य सभी जनता को बेहतर सुविधा देना चाहती हैं लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी व कुछ कर्मचारी सरकार को बदनाम करने के लिए अनाप-शनाप बिल भेज रहे हैं। यही नहीं आए दिन मठों या मंदिरों का कनेक्शन भी काट दिया जा रहा है। इसके कारण भगवान भी कई दिनों तक अंधेरे में रहने को मजबूर हो रहे हैं।
स्मार्ट मीटर की आड़ में कर्मचारी बहुत अधिक बिल भेजकर उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो उपभोक्ताओं को निजीकरण में भी राहत मिलेगी। सरकार को इसपर विचार भी करना चाहिए। महंत बालक दास के अनिश्चितकालीन आमरण अनशन के समर्थन में श्री बिहारी जी का बड़ा मंदिर के महंत एवं संत समाज के महामंत्री महंत सर्वेश्वर शरण महाराज, महंत ईश्वर दास, महंत बलराम दास, महंत राजाराम दास, महंत रामनारयण दास, महंत नरोत्तम दास, पुराजी सत्यनारायण दास, पुजारी रागेश्वर दास, लक्ष्मण दास, नारायण दास, विजयराम दास आदि भी अनशन स्थल पर बैठे हैं।