मशहूर निर्माता एकता कपूर को अपनी वेब सीरीज ‘ट्रिपल एक्स सीजन-2’ को लेकर लटकी गिरफ्तारी की तलवार से अंतरिम राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर को वेब सीरीज़ ‘XXX season 2’ में कथित आपत्तिजनक सामग्री के लिए दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है।
बता दें कि वेब सीरीज़ ‘XXX season 2’ को लेकर एकता कपूर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वेब सीरीज वेब सीरीज़ ‘XXX season 2’ के प्रसारण के जरिए अश्लीलता फैलाने, भारतीय सेना की वर्दी का अपमान और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। बिहार और मध्य प्रदेश में एकता कपूर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वेब सीरीज के प्रसारण के जरिए अश्लीलता फैलाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों के अपमान के आरोप में कपूर समेत तीन लोगों के खिलाफ इंदौर में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले के नामजद आरोपियों में इस वेब सीरीज की निर्देशक और पटकथाकार भी शामिल हैं।
इंदौर के अन्नपूर्णा पुलिस थाने के प्रभारी सतीश कुमार द्विवेदी ने बताया था कि यह प्राथमिकी दो स्थानीय बाशिंदों-वाल्मीक सकरगाये और नीरज याग्निक की शिकायत पर आईपीसी की धारा 294 (अश्लीलता) और 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारत के राजकीय प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत शुक्रवार रात दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कपूर के ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज ‘ट्रिपल एक्स’ के सीजन-2 के जरिए समाज में अश्लीलता फैलाई गयी और एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत की गईं। थाना प्रभारी के मुताबिक शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया है कि इस वेब सीरीज के एक दृश्य में भारतीय सेना की वर्दी को बेहद आपत्तिजनक तौर पर पेश करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों का अपमान किया गया है। द्विवेदी ने बताया कि मामले के तीन नामजद आरोपियों में कपूर के साथ ही विवादास्पद वेब सीरीज की निर्देशक पंखुड़ी रॉड्रिग्स और पटकथाकार जेसिका खुराना शामिल हैं।
इससे पहले बिहार के मुजफ्फपुर में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अनिल कुमार सिंह ने सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। सेना को अपमानित करने के आरोप में फिल्म निर्माता शोभा कपूर और एकता कपूर के खिलाफ दी गई शिकायत में कहा गया था कि इसमें सेना के जवानों व उनकी वर्दी को तिरस्कृत किया गया है।