सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा – आपने हमारे सामने कोई ऐसा केस नहीं रखा, जिसमे इस क़ानून के चलते कोई जेल में हो। इस क़ानून से पीड़ित कोई शख्स हमारे पास आएगा, तो हम सुनेंगे।
SC में एडवोकेट आदित्य रंजन, वरुण कुमार बाकी ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया तहस कि औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून को लोकतांत्रिक देश में जारी रखने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। इस क़ानून के दुरुपयोग के मामले बढ़े हैं। लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है